सुपरटेक के ठिकानों पर ED व EOW की छापेमारी: कर्मचारी हिरासत में

समूह मालिक आरके अरोड़ा की कोठी समेत कई कार्यालयों से दस्तावेज जब्त,

एक सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने यह दोनों टॉवर गिराने और मिलीभगत की जांच ईडी से कराने का आदेश दिया था।

नोएडा की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) ने कंपनी के मालिक आरके अरोड़ा की कोठी और कार्यालयों में छापामारी की।

टीमों ने ट्विन टॉवर से जुड़े दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं। सुपरटेक से जुड़े कुछ वरिष्ठ लोगों को हिरासत में लिए जाने की भी खबर है। ईडी ने अभी इस संबंध में कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया है। बुधवार सुबह 8 बजे से शुरू हुई संयुक्त कार्रवाई अभी जारी है।

प्राधिकरण के अधिकारियों पर भी कसेगा शिकंजा
1 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर एपेक्स-सियान को तीन माह में गिराने का आदेश शीर्ष अदालत ने दिया है। प्राधिकरण ने इसकी तैयार शुरू कर दी है। सुपरटेक के दोनों टावरों में 950 से ज्यादा फ्लैट्स बनाए जाने थे। उच्च न्यायालय की ओर से स्टे लगाने के पहले 32 फ्लोर का कंस्ट्रक्शन पूरा हो चुका था। 633 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे, कंपनी का दावा है कि इसमें से 248 रिफंड ले चुके हैं, 133 दूसरे प्रोजेक्ट्स में शिफ्ट किया जा चुके हैं, जबकि इस प्रोजेक्ट में अब 252 निवेशक ही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्राधिकरण के जिन अधिकारियों की साठगांठ से इन टॉवरों का निर्माण हुआ। उनपर भी कार्रवाई की जाए। ऐसे में सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस बन रहा है।

इन्हीं टॉवरों को गिराने के लिए कोर्ट ने आदेश जारी किया है।

स्क्वॉयर टॉवर में भी ईडी की एक टीम मौजूद
ईडी की एक टीम नोएडा के सेक्टर-96 स्थित स्क्वॉयर टॉवर की 22वीं मंजिल पर मौजूद है, जहां सुपरटेक का एक ऑफिस है। यहां पर भी सुबह 8 बजे से दस्तावेजों की छानबीन जारी है। ईडी की टीम यहां पर हरियाणा नंबर की इनोवा कार में आई है। फिलहाल जांच से जुड़े अधिकारियों के अलावा अन्य किसी को इस दफ्तर में एंट्री की परमिशन नहीं है। नोएडा के सेक्टर-94 स्थित प्रोजेक्ट पर भी कार्रवाई चल रही है।

SIT की रिपोर्ट पर कार्रवाई होना बाकी
सुपरटेक के दो टॉवर टॉवर बनाने के मामले में यूपी सरकार की एक एसआईटी पहले ही जांच पूरी करके अपनी रिपोर्ट शासन में सौंप चुकी है। हालांकि इस रिपोर्ट के आधार पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। माना जा रहा है कि यूपी सरकार जल्द ही एसआईटी की इस रिपोर्ट का संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकती है। इस एसआईटी में मेरठ जोन के कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे।

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