डेंगू और वायरल बुखार का प्रकोप जारी, कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी में बढ़ी मरीजों की संख्या
लखनऊ. प्रदेश के लगभग सभी जिलों में बुखार (Viral Fever) से पीड़ित मरीजों (Patients) की संख्या रोजाना बढ़ती जा रही है. सूबे के मेट्रो शहरों में तो हालात और पतली होती जा रही है. कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी जैसे शहरों में अस्पतालों की ओपीडी बुखार पीड़ितों से भरी पड़ी है. इन शहरों में हर रोज लगभग 300-400 मरीज बुखार की शिकायत लेकर आ रहे हैं. प्रदेश के कुछ चुनिंदा जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों में बड़े पैमाने पर बुखार से लोग पीड़ित हो रहे हैं. इसमें डेंगू, मलेरिया और स्क्रबटाइफस के अलावा वायरल बुखार के मरीज भी हैं. बुखार से पीड़ित मरीजों में से लगभग 10 फीसदी की हालत गंभीर हो रही है जिन्हें भर्ती किये जाने की जरूरत पड़ रही है.
मथुरा और फिरोजोबाद से शुरु हुआ बुखार का सिलसिला पूरे प्रदेश में फैल गया है. जिलों के अस्पताल बुखार पीड़ित मरीजों से भरे पड़े हैं. ब्रज क्षेत्र के अलावा पूर्वांचल के जिलों में भी बड़ी संख्या में हर रोज बुखार की चपेट में आ रहे हैं. यूपी के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. वेद व्रत सिंह ने कहा कि गंभीर हालात को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कल गुरुवार को डीएम और एसपी के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बेहतर सुविधा देने के निर्देश दिये. इसके अलावा सभी अफसरों को निर्देश दिये गये हैं कि मच्छरों को खत्म करने का अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जाये.
कानपुर में 300 से 400 मरीज बुखार से पीड़ित
कानपुर जैसे शहरों की बात करें तो हर रोज लगभग 300 से 400 बुखार से पीड़ित मरीज अस्पतालों की ओपीडी में आ रहे हैं. कानपुर के सीएमओ डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि अभी तक 61 मामले डेंगू के सामने आ चुके हैं. ऐसे ही हालात लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर के भी दिख रहे हैं. गोरखपुर के सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय ने कहा कि जिले में औसतन 100 बुखार पीड़ित हर रोज अस्पतालों में आ रहे हैं. हालांकि इनमें से ज्यादातर की तबीयत दवाओं के बाद ठीक हो जा रही है. डेंगू, मलेरिया और जापानी इनसेफ्लाइटिस के फिलहाल कोई केस नहीं आये हैं.
डेंगू के डी-2 स्ट्रेन के कारण बढ़ा खतरा
दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की टीम डॉ. विकास सिंघल के नेतृत्व में एक बार फिर से मथुरा पहुंच गयी है. डॉ. सिंघल ने बताया कि दो-दो लोगों की टीम को घर-घर भेजा जा रहा है. लोगों से बातचीत की जा रही है. बुखार होने पर दवा की किट मुहैया करायी जा रही है. साथ ही मच्छरों के पनपने वाली जगह को भी साफ कराया जा रहा है. फिरोजाबाद से लौटी केन्द्र सरकार की टीम ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ वेद व्रत सिंह ने कहा कि टीम ने जांच में पाया है कि डेंगू के डी-2 स्ट्रेन के कारण खतरा बढ़ गया है. सीरो टाइप 2 के कारण संक्रमण ज्यादा तेजी से और घातक हो रहा है. फिरोजाबाद में हो रही मौतों का सिलसिला अब पहले से काफी कम हो गया है.