कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों के ‘भारत बंद’ को विपक्ष का मिल रहा समर्थन
नई दिल्ली। कृषि संबंधी तीन विधेयकों को संसद से मंजूरी मिलने के बाद अभी इस पर घमासान कम नहीं हुआ है। बीते दिन कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के बाद आज से पंजाब में भी रेल रोको आंदोलन शुरू हो गया है। पंजाब की किसान मजदूर संघर्ष समिति ने साफ किया है कि वो कृषि विधेयकों के खिलाफ 24 से 26 सितम्बर तक ‘रेल रोको’ आंदोलन चलाएंगे। ऐसे में इन विधेयकों को लेकर देशभर में किसानों का आज ‘भारत बंद’ है और उनके इस बंद को विपक्ष का पूरा समर्थन मिल रहा है। इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ता जहां देशभर में सड़कों पर उतरे हैं, वहीं आम आदमी पार्टी पंजाब में किसानों के साथ है और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं।
लोकसभा और राज्यसभा से पारित कृषि विधेयक के खिलाफ किसान संगठन बेहद गुस्से में हैं। इसी वजह से देशभर में आज किसान संगठन ने भारत बंद बुलाया है। राजधानी दिल्ली में किसानों का विरोध प्रदर्शन होना है। किसानों के इस प्रदर्शन में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी उनके साथ खड़ी है। आज कांग्रेस पार्टी भी जंतर मंतर पर किसान विधेयकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी। इससे पहले गुरुवार को यूथ कांग्रेस ने दिल्ली में मशाल जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया था।
कृषि विधेयकों के खिलाफ संसद में आवाज उठाने के बाद अब सड़कों पर भी कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के खेत पर लात मार रही है, जो किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “पेट में अंगारे और मन में तूफ़ान लिए देश का अन्नदाता किसान और भाग्यविधाता खेत मज़दूर ‘भारत बंद’ करने को मजबूर है। अहंकारी मोदी सरकार को न उसके मन की व्यथा दिखती है औ न उसकी आत्मा की पीड़ा महसूस होती है। आइये, भारत बंद में किसान-मज़दूर के साथ खड़े हों और संघर्ष का संकल्प लें।”
उल्लेखनीय है कि मानसून सत्र में संसद ने कृषि उपज व्यापार, वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दी। इस पर देशभर में विशेषकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान खासे नाराज हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने तीन दिन का रेल यातायात ठप करने का ऐलान किया है। साथ ही कहा है कि अगर सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो वो एक अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए रेल यातायात ठप करेंगे।