कृषि कानूनों के मुद्दे पर विपक्ष का भारी हंगामा, नहीं चल सकी लोकसभा की कार्यवाही
विवादों में घिरे तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी पार्टियों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही बाधित रही। दो बाद के स्थगन के बाद निचले सदन की बैठक दिन भर के लिये स्थगित कर दी गई। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सका। सदन में हंगामे के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों से जुड़े मुद्दों पर संसद के अंदर और बाहर चर्चा करने को तैयार है।
लोकसभा की बैठक दो बार के स्थगन के बाद शाम सात बजे पुन: शुरू हुई तो पहले की तरह ही विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा। इस बीच पश्चिम बंगाल से भाजपा की सदस्य लॉकेट चटर्जी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को चर्चा के लिए रखा। चटर्जी सदन में अपनी बात रख रही थीं लेकिन विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा। सदन में हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से कई बार अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया। इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखा जा रहा है। जब कभी यह प्रस्ताव रखा जाता है तो शोर-शराबा नहीं होता है। यह व्यवधान कभी नहीं हुआ।
उन्होंने नारेबाजी कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों से आग्रह करते हुए कहा, ‘‘मैं अपील करता हूं कि आप सीटों पर जाएं और चर्चा में भाग लें। जब धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जा रहा है तो यह ठीक नहीं है।’’ सदन में हंगामा जारी रहने पर लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। लॉकेट चटर्जी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव चर्चा के लिये रखते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस और रवींद्रनाथ टैगोर के कथनों का उल्लेख किया। चटर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
इससे पहले, संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन लोकसभा की कार्यवाही अपराह्न 4 बजे आरंभ होने के साथ ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक के सदस्य अध्यक्ष के आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे। वे तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे थे। विपक्षी सदस्य ‘कानून वापस लो’ के नारे लगा रहे थे। कई सदस्यों के हाथों में तख्तियां भी थीं जिन पर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांगें लिखी थीं। प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्यों के शोर-शराबे के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी मौजूद थे। शिवसेना के कुछ सदस्य और शिरोमणि अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल भी कृषि कानूनों का विरोध करते नजर आए।
सदन में हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल आरंभ कराया और एक प्रश्न लिया । गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने शोर-शराबे के बीच ही प्रश्न का जवाब देना शुरू किया। इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने की अपील की। बिरला ने कहा, ‘‘सभी सदस्यों को पर्याप्त समय दूंगा। जो विषय आप उठा रहे हैं, उस पर बोलने का मौका दूंगा। पिछली बार आपने कहा था कि प्रश्नकाल नहीं हुआ है और लोकतंत्र की हत्या हो रही है। इस बार प्रश्नकाल हो रहा है। प्रश्नकाल के बाद मैं चर्चा कराने के लिए तैयार हूं।’’