बीजेपी के सावरकर को भारत रत्न देने की बात पर भड़के ओवैसी, लिया गोडसे का नाम
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी के संकल्प पत्र में शामिल वीर सावरकर पर राजनीति गर्माती जा रही है। बीजेपी द्वारा सावरकर को भारत रत्न देने के वादे का विरोध करते हुए कई विपक्षी नेताओं ने टिप्पणी की है। जहाँ एक तरफ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसके तर्ज पर नाथूराम गोडसे को भी भारत रत्न देने की बात कही है, वहीँ मनमोहन सिंह ने भी इसको लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है।
एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के एक साजिशकर्ता को कैसे भारत रत्न देने के बारे में सोचा जा सकता है। अगर आप सावरकर को दे रहे हैं तो नाथूराम गोडसे को भी भारत रत्न दें। इसके साथ ही उन्होंने अल्लामा फजल ए हक खैराबादी को भारत रत्न देने की बात कही। उन्होंने कहा कि खैराबादी को काला पानी की सजा हुई थी, लेकिन उन्होंने सावरकर की तरह दया पत्र नहीं लिखा, बल्कि फांसी पर चढ़ गए। उन लोगों को भारत रत्न दीजिए, जिन्होंने रेशम पत्र आंदोलन चलाया और माल्टा जेल में अपना जीवन बिताया।
उनका गुस्सा यही पर ख़त्म नहीं हुआ। असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर सावरकर को ‘अनमोल रत्न’ बताया।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा ‘अनमोल रत्न के बारे में कुछ ज्ञान की बातें’:
1. महात्मा गांधी की हत्या के आरोप में जीवन लाल कमिशन द्वारा आरोपित
2. बलात्कार की राजनीतिक हथियार के रूप में वकालत की
3. छत्रपति शिवाजी की आलोचना की
4. खुद को अंग्रेजों का सबसे आज्ञाकारी नौकर कहा
5. जेल से छूटने के लिए अंग्रेजों को 6 खत लिखे
6. हिटलर का समर्थन किया
7. 2 नेशन थ्योरी का समर्थन किया
8. मुस्लिम और गैर-हिंदुओं को राष्ट्रीय तानेबाने से बाहर रखा
कांग्रेस ने भी साधा निशाना
बता दें कि उनके अलावा कांग्रेस पार्टी सांसद मनीष तिवारी ने इस मामले में कहा कि जब देश में ‘महात्मा गांधी ने आत्महत्या की’ लिखा जा सकता है तो कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए वीर सावरकर को आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ा। कपूर आयोग ने भी जांच की थी। उन्होंने कहा कि हाल ही में एक लेख में यह दावा किया गया था कि आयोग ने सावरकर को जिम्मेदार माना था। अब इस देश को भगवान ही बचाए।
Rewind to 1980 Congress versus 2019 Congress (Commie/Left).
Just putting it out here, for history enthusiasts. pic.twitter.com/HNHbkDmy7x
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) October 17, 2019
वहीँ कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस मामले पर अपनी राय रखी। मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर के लिए पोस्टल स्टाम्प (डाक टिकट) जारी किया था। हालांकि, मनमोहन सिंह ने इसके बाद यह भी कहा कि हम हिंदुत्व की उस विचारधारा का समर्थन नहीं करते हैं, जिसके पक्षधर वीर सावरकर थे। उनके इस बयान से सम्बंधित कागजात शिवसेना की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार दोपहर ट्वीट कर शेयर किया। इस ट्वीट में उन्होंने इंदिरा गाँधी के हस्ताक्षर वाले प्रधानमंत्री मंत्रालय का लेटर पोस्ट किया है जिसमे वीर सावरकर की गई थी।