ऑनलाइन दर्शन, कुछ ऐसे मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी, जानें खास बातें

नई दिल्‍ली. देश में इस साल भी गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) या गणेशोत्‍सव (Ganeshotsava 2021) कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के बीच मनाई जाएगी. भगवान गणेश (Lord Ganesh) को समर्पित इस त्‍योहार की शुरुआत 10 सितंबर से होने जा रही है. यह त्‍योहार महाराष्‍ट्र, ओडिशा, गुजरात, उत्‍तर प्रदेश और कर्नाटक समेत कई राज्‍यों में मनाया जाता है. इस साल कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए कई राज्‍यों ने कुछ पाबंदियां लगाई हुई हैं तो कुछ ने छूट दी हुई है. ऐसे में आइये जानते हैं किस राज्‍य में कैसे मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी…

कर्नाटक में चलेंगी विशेष बसें
कर्नाटक में शुक्रवार को गणेश चतुर्थी समारोह से पहले राज्य सड़क परिवहन निगम ने घोषणा की है कि वह प्रदेशभर में 1,000 अतिरिक्त बसों का संचालन करेगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विशेष अंतरराज्यीय बसें 8 और 9 सितंबर को व बाद में 12 सितंबर को त्योहार के लिए लोगों की यात्रा की सुविधा के लिए चलाई जाएंगी.

राज्‍य में परिवहन निगम ने घोषणा की है कि बसें बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा बस स्टेशन (मैजेस्टिक) से धर्मस्थला, कुक्केसुब्रमण्य, शिवमोग्गा, हसन, मंगलुरु, कुंडापुरा और अन्य जिलों के लिए संचालित होंगी. कर्नाटक ने गणेश चतुर्थी के लिए सार्वजनिक समारोह की अनुमति दी है. हालांकि इसमें कोरोना नियमों को अपनाने समेत कुछ पाबंदियां लगाई गई है.

गोवा में वैक्‍सीन का बढ़ावा
इस साल गणेश चतुर्थी के मौके पर राज्‍य के मुख्‍यमंत्री प्रमोद सावंत लोगों के बीच कोरोना वैक्‍सीन के टीकाकरण के बारे में जागरूकता फैलाने की कोशिश करेंगे. मुख्‍यमंत्री ने कहा है, ‘बोरो मूर? वैक्‍सीन घेटलेम? (आप कैसे हैं? क्या आपने वैक्सीन ले ली है?), यह हमारी ग्रीटिंग का नया रूप होना चाहिए.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुख्‍यमंत्री ने लोगों से त्योहार का आनंद लेने के साथ-साथ त्योहार के दौरान टीकाकरण को बढ़ावा देने की भी अपील की है. सीएम सावंत ने कहा कि गोवा किसी भी तीसरी लहर से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन के मामले में पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने दावा किया है कि राज्य में 100 फीसदी आबादी ने कम से कम वैक्सीन की पहली डोज लगवा ली है.

गोवा सरकार ने मंगलवार को राज्य में गणेशोत्सव समारोह के लिए जारी की गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को भी कुछ घंटों के अंदर ही वापस ले लिया है. इसमें लोगों के घरों में पूजा के लिए पुजारियों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. साथ ही जिन घरों में कोविड-19 मरीज हैं, उनको मेहमानों को आमंत्रित करने या दूसरों के पास जाने से रोक दिया गया था. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि एसओपी गलती से जारी की गई थी. उनकी सरकार लोगों की भावनाओं को समझती है, क्योंकि हर कोई चाहता है कि पुजारी उनके घरों में आएं और पूजा करें.

महाराष्ट्र में जुलूस पर पाबंदी
मुंबई में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने मंगलवार को गणेशोत्सव समारोह से पहले नए कोरोना प्रतिबंधों की घोषणा की है. इन प्रतिबंधों में कहा गया है कि भगवान गणेश की मूर्तियों के आगमन के लिए कोई जुलूस नहीं होना चाहिए. अधिकतम पांच व्यक्तियों के समूह को आने की अनुमति होगी. इन लोगों को कोरोना वैक्‍सीन की दोनों डोज लगी होनी होनी चाहिए. दूसरी डोज को लगे हुए 15 दिन हो गए हों.

मुंबई में यह भी फैसला लिया गया है कि गणेशोत्सव मंडल भक्तों को ऑनलाइन, केबल नेटवर्क, वेबसाइट, फेसबुक, सोशल मीडिया के माध्यम से दर्शन की सुविधा प्रदान करें. सार्वजनिक मूर्ति जुलूस के दौरान गणेश मूर्तियों के आगमन के समय 10 लोगों को अनुमति दी जाएगी. इस दौरान मास्‍क पहनना और सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा.

मुंबई में गणेशोत्सव के दौरान किसी भी जुलूस पर भी रोक लगा दी है. मूर्ति विसर्जन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों, मास्क, सैनिटाइज़र आदि का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है.

बेंगलुरु में 3 दिन होगा गणेशोत्‍सव
बेंगलुरु में बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने मंगलवार को सार्वजनिक स्थानों पर गणेश उत्सव मनाने के पहले के सरकारी आदेश को संशोधित करते हुए उत्सव को पांच दिनों से तीन दिनों तक सीमित कर दिया. बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त गौरव गुप्ता का कहना है कि पिछले साल भी गणेशोत्‍सव तीन दिनों तक सीमित था. यह इस साल भी जारी रहेगा.

संशोधित आदेश में कहा गया है कि भगवान गणेश की मूर्तियों को सार्वजनिक स्थानों पर अधिकतम चार फीट की ऊंचाई पर स्थापित किया जा सकता है. घरों में ऊंचाई दो फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. आदेश में कहा गया है कि घरों में स्थापित मूर्तियों को घर पर या बीबीएमपी मोबाइल टैंक में विसर्जित किया जाना चाहिए. सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य कोरोना प्रोटोकॉल को सुनिश्चित करने के साथ-साथ लोगों के लिए थर्मल स्कैनर और हैंड सैनिटाइजर का प्रावधान होना चाहिए.

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