कृषि प्रयोजनार्थ हॉर्वेस्टर एवं ट्रेक्टर पर मोटर-यान कर पर एक प्रतिशत की छूट
भोपाल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज विधानसभा में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में कृषि प्रयोजनों के लिये उपयोग में लाये जाने के लिये मध्यप्रदेश में पंजीकृत कम्बाईन हॉर्वेस्टर एवं ट्रेक्टर पर जीवनकाल कर को आगामी 2 वर्षों के लिये एक प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के सहकारी बैंकों से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं (पैक्स) के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को अल्पावधि फसल ऋण देने की योजना को वर्ष 2020-21 में निरंतर रखने का निर्णय लिया है।
मंत्रि-परिषद ने कुल रकबा 0.462 हेक्टेयर को श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति, उज्जैन को बिना प्रीमियम तथा वार्षिक भू-भाटक एक रुपये पर इस शर्त के साथ अंतरित करने का निर्णय लिया है कि भू-अर्जन अधिनियम-1984 में जिस प्रयोजन के लिये भूमि अर्जित की गई है, उसी प्रयोजन के लिये भूमि का उपयोग किया जाये।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के 6 विकास प्राधिकरणों यथा भोपाल, इंदौर, जबलपुर, देवास, ग्वालियर एवं उज्जैन को वर्ष 1959-2001 के मध्य राज्य शासन द्वारा संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश के माध्यम से देय ऋण की राशि 3 करोड़ 5 लाख 17 हजार 189 रुपये पर अधिरोपित ब्याज एवं दाण्डिक ब्याज की राशि 18 करोड़ 45 लाख 70 हजार 246 रुपये में से शेष 12 करोड़ 25 लाख 41 हजार 897 रुपये की राशि को माफ करने का निर्णय लिया।
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड, इंदौर के लिये आरईसी से प्राप्त मध्यम अवधि ऋण की रिफाइनेंसिंग सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया से करने के लिये शासकीय प्रत्याभूति प्रदान करने का निर्णय लिया। वर्तमान में आरईसी को भुगतान के लिये शेष राशि 684 करोड़ 27 लाख रुपये की रिफाइनेंसिंग सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया से करने के लिये ऋण के पुनर्भुगतान अवधि तक राशि 684 करोड़ 27 लाख रुपये की प्रत्याभूति दी जायेगी। उक्त प्रत्याभूति पर राज्य शासन द्वारा प्रत्याभूति शुल्क नियमानुसार लिया जायेगा।
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औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा बड़ी संख्या में स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होने एवं राज्य में वृहद निवेश के दृष्टिगत विभिन्न औद्योगिक इकाइयों को निवेश संवर्धन पर मंत्रि-परिषद समिति के अनुमोदन से अन्य सुविधाओं के साथ ही विद्युत की दर में छूट/रियायत दी गई है।
मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि आदेश जारी होने की तिथि तक यदि औद्योगिक इकाई द्वारा वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर दिया गया है, तो विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा इकाई को उक्त छूट शामिल कर बिल जारी किये जायें। एमपीआईडीसी द्वारा इस छूट के लिये सब्सिडी वितरण कम्पनी को उपलब्ध कराई जाये। अन्यथा कम्पनी द्वारा इकाई को टैरिफ आदेश के प्रावधान अनुसार बिल जारी किये जायें। विद्युत की दर में छूट के लिये इकाई को टैरिफ सब्सिडी सीधे एमपीआईडीसी द्वारा उपलब्ध कराई जाये।
मंत्रि-परिषद ने जीएसटी व्यवस्था लागू होने पर औद्योगिक परियोजनाओं को उद्योग संवर्धन नीति अंतर्गत स्वीकृति/प्रावधानित सुविधाओं का लाभ निरंतर देने के संबंध में जारी प्रक्रिया के लिये शासन आदेश 6 अगस्त, 2019 के बिन्दु क्रमांक-2 एवं 10 के स्पष्टीकरण के संबंध में निर्णय लिया है।
बिन्दु क्रमांक-2 एवं 10 में उल्लेखित क्रमश: स्टॉक ट्रांसफर एवं इनपुट टैक्स क्रेडिट को नीति के प्रावधानों अनुसार पुन: संशोधित करने की माँग की गई थी। तत्संबंध में त्रि सदस्यीय समिति की बैठक 28 मई, 2020 में की गई अनुशंसाओं के आधार पर स्टॉक ट्रांसफर एवं इनपुट टैक्स क्रेडिट को पुन: स्पष्ट किया है।
मंत्रि-परिषद समिति द्वारा उक्त अनुशंसाओं के अनुमोदन के फलस्वरूप इकाइयों को जीएसटी व्यवस्था लागू होने के फलस्वरूप उनकी पात्रता की शेष अवधि में उद्योग निवेश संवर्धन सहायता का लाभ दिया जा सकेगा। उक्त अनुमोदन से स्पष्ट होता है कि शासन उद्योग नीति अंतर्गत घोषित सुविधाओं का लाभ निरंतर देने के लिये प्रतिबद्ध है। अनुमोदन के फलस्वरूप प्रदेश के औद्योगिक जगत में निवेश नीतियों के प्रति विश्वास का माहौल निर्मित होगा और देश एवं विदेश के निवेशक प्रदेश में निवेश के लिये आकर्षित होंगे।