मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के बाद आएगी एक और योजना जिससे बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार : त्रिवेंद्र सिंह रावत
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज ई संवाद के जरिए त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों से बात की। उन्होंने संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत बनाने को लेकर कई बातें कहीं हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अलावा एक और योजना की बात कही है। लेकिन इस योजना का नाम अभी नहीं बताया है। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा है कि जो योजना आएगी उस योजना से 10,000 बेरोजगार लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस योजना के बारे में वह तब बताएंगे जब कैबिनेट में इस योजना पर ठप्पा लग जाए। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बड़ा कदम उठाया है। वह लोग जो उत्तराखंड से बाहर जाकर नौकरियां कर रहे थे और महामारी के कारण वापस आ गए हैं उनके लिए उत्तराखंड सरकार ने रोजगार के लिए एक अच्छा और बड़ा विकल्प निकाला है। वह विकल्प है मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना।
इस दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि हमको चुनौतियों को अवसर में बदलना है। कैसे हम इसको अवसर में बदलें और उन्होंने (पीएम मोदी) कहा कि इस कोविड-19 महामारी का यह संदेश है कि भारत अपने पैरों पर खड़ा हो। भारत खड़ा कब होगा जब हमारे गांव खड़े होंगे। जब हमारे गांव पैर पर खड़े होंगे तो भारत स्वाभाविक रूप से अपने पैरों पर खड़ा हो जाएगा। 20 लाख करोड़ का पैकेज उन्होंने (पीएम मोदी) आत्मनिर्भर भारत के लिए दिया। गरीबों के कल्याण के लिए दिया। आज जो लोग अपनी नौकरियां छोड़कर मजबूरी में अपने गांव की तरफ आ रहे है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने नवंबर तक उनके राशन की व्यवस्था की है। सीधा केंद्र निधि से वह पैसा आ रहा है। 90 लाख करोड़ रूपया इस पर खर्च हो रहा है। यह उनकी सोच है कि पहली जरूरत हमारी क्या है। 2 समय का भोजन सबको मिले कोई भूखा ना सोए। कोई गरीब व्यक्ति भी किसी कारण से भूखा ना रहे। यह उनकी सोच है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि जिसके पास राशन कार्ड है या नहीं है उनके लिए भी उन्होंने राशन की व्यवस्था की गई है। इसी में से एक है आत्मनिर्भर भारत। हम कई सामान विदेशों से लाते हैं। उसमें तमाम तरीके की दिक्कतें भी होती हैं, खतरे भी होते हैं। देश की सुरक्षा से जुड़े हुए सवाल भी होते हैं। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत का उन्होंने (पीएम मोदी) आह्वान किया है और आत्मनिर्भर भारत का मतलब है कि भारत खुद की बनाई वस्तुएं और उपकरण का इस्तेमाल करें।
उन्होंने कहा कि जब यह कोविड-19 आया 8 मार्च को तो देश में कोई पीपीई किट नहीं बनते थे। N95 मास्क जो हमारे डॉक्टर के लिए नर्सों के लिए अस्पताल के अंदर बहुत जरूरी है। वह भारत में बनते ही नहीं थे। इसे आज भारत बना ही नहीं रहा है, आज भारत इनका निर्यात भी कर रहा है। 5 लाख पीपीई किट आज भारत में प्रतिदिन तैयार हो रही है। भारत जरूरतमंद देशों को उसकी आपूर्ति भी पूरी कर रहा है। यह आत्मनिर्भर भारत है। आज भारत कोविड-19 के लिए वैक्सीन की तैयारी कर रहा है। औषधियों की तैयारी कर रहा है यही आत्मनिर्भर भारत है। हमको दूसरों पर निर्भर ना होना पड़े इसी तरह से हमने अपने राज्य में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लागू की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 10000 मोटर टैक्सी की योजना बनाई है। जिसमें 2 साल तक ब्याज नहीं देना है। आपका जो इंटरेस्ट होगा उसको राज्य सरकार वहन करेगी। किसी भी बाइक के मालिक को इंटरेस्ट देने की आवश्यकता नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम एक और योजना लाएंगे जिसमें हम 10000 लोगों को रोजगार देने की योजना कर रहे हैं। जो सरकारी नौकरियां हैं उनमें हमारी भर्तियां जारी हैं। वहां भर्ती करेंगे ही लेकिन हमको यह समझ लेना चाहिए आज जब भारत 135 करोड़ का भारत है तो मात्र ढाई, पौने तीन करोड़ ही सरकारी कर्मचारी हैं। उत्तराखंड जो लगभग एक करोड़ 10 लाख से ज्यादा जिसकी आबादी है उसमें भी लगभग तीन लाख से कम कर्मचारी हैं इसका मतलब यह है कि सबको सरकारी नौकरी मिलना संभव नहीं है
सीएम ने कहा कि काफी लोगों के राय थी कि लोगों को 10,000, 5000 दे दिए जाएं लेकिन इससे हम खड़े नहीं हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम एक चीज पर और काम कर रहे हैं वह है हिमालयन ग्रीन। हिमालय के ग्रीन वेजिटेबल्स। लेकिन यह तब होगा जब हम लोग इसे पैदा करेंगे और उसकी सीधा मार्केटिंग करेंगे। दिल्ली हमारे नजदीक है। हमारे प्रधानमंत्री जी ने बहुत बेहतरीन सड़के बना दी हैं। रेल की बहुत बेहतर सुविधा है। हम उसकी मार्केटिंग दिल्ली में कर सकते हैं और हिमालयन उत्पादों की बहुत ज्यादा मांग है। और उनका बाजार मूल्य भी बहुत अच्छा है। इसलिए हम जो मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना है उसके अंतर्गत हम काम कर सकते हैं। हमने जिला योजना में भी 40% बजट इस काम के लिए रखा है। पैसे की कोई दिक्कत नहीं है बस काम करने वाले चाहिए।