CM त्रिवेंद्र का ऐलानः पर्वतीय शैली अपनाने पर मिलेगी एक मंजिल की छूट
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वीरवार को अल्मोड़ा के सर्किट हाउस में पारम्परिक एैंपण कला और शिल्प से जुड़े कलाकारों से संवाद करते हुए कहा कि जिस खोई विरासत को एैंपण के माध्यम से प्रदेश की बेटियों द्वारा संजोने का कार्य किया जा रहा है, वह अपने आप में सराहनीय है। सीएम ने कहा कि स्थानीय खासियतों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। इसी कारण उत्तराखंड आवास नीति में प्रावधान किया गया है कि जो स्थानीय स्थापत्य को अपनाएगा, उसे एक मंजिल अधिक बनाने की छूट होगी।
अपने सम्बोधन में सीएम ने कहा कि एैंपण प्राचीन कला है। वर्तमान पीढ़ी की बच्चियों को इससे जुड़ते देखकर बेहद प्रसन्नता हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिल्पकला को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के कुशल कारीगरों को आधुनिक श्रेणी की कारीगरी सिखाने में कारगर हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसी कुशलता को दृष्टिगत रखते हुए उत्तराखण्ड में आवास नीति लागू की गयी है, जिसमें उत्तराखण्ड के शिल्प नीति से जो अपने भवनों का निर्माण करेगा, उसे एक अतिरिक्त मंजिल बनाने की अनुमति दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि हमारी सांस्कृतिक पहचान समाप्त होती जा रही है जिसे हम अपने कुशल शिल्पियों के माध्यम से धरातल पर लाने का प्रयास कर रहे हैं। इस संवाद कार्यक्रम में उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही महिला उद्यमियों को सम्मानित करते हुए उन्हें महिला सशक्तिकरण की ओर अग्रसर होने की बधाई दी।
इस कार्यक्रम के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री धन सिंह रावत, बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्या, सांसद अजय टम्टा, विधायक महेश नेगी सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।