ओमप्रकाश राजभर ने BJP को इतने वोटों पर किया चैलेंज, जानिए सब
राजभर का कहना है कि भाजपा इस बार 50 सीटों पर ही सिमट जाएगी
लखनऊ: यूपी में चुनाव का तारीख ऐलान होते ही सियासत में हलचल मच गई हैं। वही सभी पार्टिया जीत की हामी भर रहे हैं। इसी तरह अखिलेश यादव के साथ अकसर नजर आ रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर इस बार भाजपा को हराने का दम भर रहे हैं। 2017 में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले राजभर का कहना है कि भाजपा इस बार 50 सीटों पर ही सिमट जाएगी। खासकर पूर्वांचल को लेकर वह बड़े दावे कर रहे हैं कि यहां भाजपा की हालत खराब है। इसी क्षेत्र में ओमप्रकाश राजभर का प्रभाव भी माना जाता है। इसके अलावा अवध क्षेत्र में भी राजभर की पार्टी का कुछ प्रभाव है।
बीते चुनान में भाजपा ने यूपी की 72 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं सपा इस इलाके में महज 9 सीटों पर ही सिमट गई थी। इसके इलाके में भाजपा के 72 सीटें जीतने की वजह राजभरों को भी माना जा रहा था। यह समुदाय पूरी तरह से भाजपा के खेमे में खड़ा नजर आया था। सुभासपा ने बीते चुनाव में 8 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 4 पर जीत हासिल की थी। बड़ी बात यह है कि इन सीटों पर सुभासपा का वोट शेयर 34 फीसदी तक था। यही वजह है कि राजभर समुदाय को प्रभावशाली भूमिका में देखा जा रहा है। हालांकि ऐसा भी नहीं है कि ओमप्रकाश राजभर के एग्जिट के बाद से भाजपा एकदम खाली है। पार्टी ने अनिल राजभर को बीते महीनों में प्रमोट किया है और वह योगी सरकार में मंत्री भी हैं।
असली नेता होने का दम ओमप्रकाश राजभर भरते रहे
राजभर समुदायों की आबादी यूपी में 3 फीसदी मानी जाती है। हालांकि समुदाय के नेताओं का दावा है कि उनकी आबादी 4.5 फीसदी है। खुद को श्रावस्ती के महाराजा सुहेलदेव राजभर का वंशज बताने वाले इस समुदाय को भाजपा ने बीते कुछ सालों में काफी प्रमोट किया है। गैर-यादव ओबीसी और गैर-जाटव दलित वोट की अपनी रणनीति के तहत भाजपा ने इस समुदाय पर दांव चला है। लेकिन समुदाय के असली नेता होने का दम ओमप्रकाश राजभर भरते रहे हैं। बहुतायत में खेती बाड़ी, पशुपालन करने वाले इस समुदाय की चर्चा इस चुनाव में काफी ज्यादा देखने को मिल रही है।
इन जिलों में दिखा प्रभाव
पूर्वी यूपी के बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़, बस्ती जिलों में इस समुदाय का प्रभाव दिखता है। इसके अलावा अवध के रायबरेली, सुल्तानपुर, गोंडा, बहराइच जैसे जिलों में इस समुदाय की अच्छी खासी आबादी है। दरअसल सुभासपा ने भाजपा सरकार से मांग की थी कि समुदाय को ओबीसी रिजर्वेशन के तहत अलग से लाभ मिलना चाहिए। राजभर का आरोप था कि इस कैटिगरी के तहत यादव, कुर्मी और राजभरों के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। इस पर भाजपा ने जस्टिस रोहिणी पैनल का गठन भी किया।