अब यूपी के इस नेता की नज़र बिहार पर, जाने क्या है प्लांनिंग
बता दें कि ओम प्रकाश यूपी विधानसभा का चुनाव सपा से गठबंधन कर लड़े थे लेकिन गठबंधन सत्ता तक नहीं पहुंच पाई और उसका ठीकरा उन्होंने सपा पर फोड़ा था
यूपी के पूर्वांचल की सियासत में अपनी धमक दिखाने वाले सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) प्रमुख ओमप्रकाश राजभर (OP Rajbhar) की नजर अब बिहार पर है. आज 27 अक्टूबर को पटना में पार्टी की ओर से ‘सावधान महारैली’ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पार्टी के सभी प्रमुख नेता एवं हजारों कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे. सितंबर में पार्टी की तरफ से यूपी में सावधान यात्रा (Savdhaan Yatra) की शुरुआत की गई थी.
सावधान यात्रा यूपी के सभी जिलों से होते हुई पटना पहुंच गई है. 27 अक्टूबर को पार्टी के स्थापना दिवस पर इस सावधान यात्रा का समापन पटना में होगा और आज ही सावधान महारैली भी होगी. कहा जा रहा है कि जो यात्रा हुई और जो रैली होने वाली है उसका उद्देश्य यूपी और बिहार की साझा समस्याओं, मांगों को जनता के बीच उठाकर उसे आगामी चुनावों के बारे में सशक्त भूमिका को लेकर सावधान करना है.
ओपी राजभर के संबोधन पर सबकी नजर
फ्री इलाज, युवाओं को रोजगार मिले, बेहतर शिक्षा व्यवस्था हो, जनता के उत्थान के लिए जो सियासी दल काम करें जनता को उसको वोट करना चाहिए आदि बातें रैली के जरिए तो की ही जाएंगी लेकिन जातीय जनगणना के मुद्दे पर ओपी राजभर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव पर निशाना साध सकते हैं. बिहार सरकार ने जातीय जनगणना खुद कराने का निर्णय लिया था लेकिन अब तक शुरू नहीं हुआ है.
बता दें कि ओम प्रकाश यूपी विधानसभा का चुनाव सपा से गठबंधन कर लड़े थे लेकिन गठबंधन सत्ता तक नहीं पहुंच पाई और उसका ठीकरा उन्होंने सपा पर फोड़ा था. यूपी के आजमगढ़ और रामपुर में लोकसभा के उपचुनाव में सपा प्रत्याशियों की हार के बाद तो राजभर ने खुलकर अखिलेश यादव के वातानुकूलित कमरे की राजनीति को लेकर कटाक्ष करना शुरू किया था. यह अखिलेश यादव को नागवार गुजरा और उन्होंने राजभर से गठबंधन तोड़ दिया.
अब किसके साथ जाएंगे राजभर?
ओपी राजभर अब किससे गठबंधन करेंगे इसको लेकर अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले यूपी बिहार में अपनी पार्टी को मजबूत करने में लगे हुए हैं. भविष्य में बीजेपी से उनका गठबंधन हो सकता है. 2017 में गठबंधन बीजेपी से था और यूपी सरकार में मंत्री भी थे. बाद में मंत्री पद से इस्तीफा देकर बीजेपी सरकार से अलग हो गए थे.