ओलंपियन को इंसानियत का गोल्ड
पोलैंड की एथलीट मारिया ने बच्चे की हार्ट सर्जरी के लिए अपना सिल्वर मेडल नीलाम किया, 92 लाख रुपए जुटाए
मारिया टोक्यो ओलिंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट हैं। 2016 रियो ओलिंपिक में वे कुछ सेंटीमीटर से मेडल से चूक गई थीं और चौथे स्थान पर रही थीं।
बोली में मेडल खरीदने वाली सुपर मार्केट चेन ने मेडल वापस मारिया को ‘संभालने’ के लिए सौंपा
टोक्यो ओलिंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट पोलैंड की मारिया आंद्रेजेक ने मानवता की मिसाल पेश की है। मेडल जीतने के 2 हफ्ते बाद ही उन्होंने उसे एक 8 महीने के बच्चे की हार्ट सर्जरी के लिए सहायता पहुंचाने के मकसद से नीलाम कर दिया और करीब 92 लाख रुपए जुटाए।
USA में बच्चे की होगी सर्जरी
पोलैंड के ही मिवॉश्क नाम की बच्चे को दिल की एक गंभीर बीमारी है। उसे सर्जरी की जल्द से जल्द जरूरत है। यूरोपीय देशों ने उसके इलाज करने से मना कर दिया। अब इस बच्चे के परिवार वाले इलाज के लिए USA जा रहे हैं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में बच्चे का इलाज होगा। मिवॉश्क की जान बचाने के लिए वहीं ऑपरेशन किया जाएगा। हालांकि, सर्जरी पर काफी खर्च की बात सामने आई।
मारिया ने टोक्यो ओलिंपिक में जेवलिन थ्रो इवेंट में 64.61 मीटर दूर भाला फेंक कर सिल्वर मेडल अपने नाम किया था।
इलाज के लिए 3 करोड़ रुपए की जरूरत
मिवॉश्क के माता-पिता इस वजह से ऑनलाइन फंडरेजर चला रहे हैं। इस ऑपरेशन के लिए उन्हें करीब 3 करोड़ रुपए की जरूरत थी, जिसमें से वे आधी रकम जुटा चुके हैं। इसके बाद मारिया भी मदद के लिए सामने आईं और अपना मेडल नीलाम करने का ऐलान किया।
करीब 92 लाख रुपए में बिका मेडल
नीलामी में पोलैंड की सुपरमार्केट चेन जाब्का पोल्स्का ने मारिया का मेडल करीब 92 लाख रुपए में खरीदा। मेडल खरीदने के बाद जाब्का ने कहा कि यह सिल्वर मेडल वे नहीं रखेंगे, उन्होंने इसकी देखरेख की जिम्मेदारी मारिया को ही सौंपी है। कंपनी के इस व्यवहार ने लोगों का दिल जीत लिया।
2018 में मारिया में ओस्टेओमा के लक्षण पाए गए थे। यह एक बोन ट्यूमर है।
जाब्का ने मारिया को वापस दिया मेडल
जाब्का ने लिखा- हम मारिया के उठाए कदम से खुश हैं। हमें खुशी है कि हम मारिया का सहयोग कर पाए।
25 साल की मारिया खुद एक कैंसर सर्वाइवर हैं। उन्होंने मिवॉश्क की मदद करते हुए लिखा- मुझे यह फैसला करने में ज्यादा समय नहीं लगा। मुझे पता है कि यह सही है।
बोन ट्यूमर से जूझ चुकी हैं मारिया
मारिया ने टोक्यो ओलिंपिक में महिला जेवलिन थ्रो में सिल्वर मेडल जीता था। उन्होंने फाइनल में 64.61 मीटर दूर भाला फेंक कर यह मेडल अपने नाम किया था। वे 2016 रियो ओलिंपिक में सिर्फ 2 सेंटीमीटर से मेडल से चूक गई थीं।
2018 में मारिया में ओस्टेओमा के लक्षण पाए गए थे। यह एक बोन ट्यूमर है। हालांकि, 2019 में उनकी सर्जरी हुई और वे ठीक हो गईं। ठीक होने के बाद ओलिंपिक में हिस्सा लिया और सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया।