ओबामा के भरोसे बाइडेन:US प्रेसिडेंट की अप्रूवल रेटिंग गिरी
सवाल- क्या बाइडेन का रिमोट कंट्रोल पूर्व राष्ट्रपति के हाथ में है
अमेरिकी मीडिया के कुछ हलकों में एक लाजिमी सा सवाल उठ रहा है। और वो ये कि क्या राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने पूर्व बॉस बराक ओबामा की सलाह पर फैसले ले रहे हैं और सरकार चला रहे हैं? बाइडेन ने 20 जनवरी को व्हाइट हाउस में बतौर राष्ट्रपति एंट्री की थी। 9 महीने से ज्यादा गुजरे, लेकिन बाइडेन की अप्रूवल रेटिंग 50% से ज्यादा नहीं हुई। उनके ज्यादातर फैसलों पर सवालिया निशान लग रहे हैं। फिर चाहे वो ज्यादा टैक्स कलेक्शन का मसला हो, कोविड कंट्रोल हो या फिर अफगानिस्तान का मामला। आइए, इस मुद्दे से जुड़ी कुछ बातों पर नजर डालते हैं।
एक समिट में दो नेता
अगले महीने UN की COP26 क्लाइमेट समिट होनी है। यह ग्लासगो (स्कॉटलैंड) में होगी। पेरिस क्लाइमेट समझौता ओबामा के दौर में हुआ था और खास बात यह है कि इस समिट में अमेरिका की तरफ से बराक ओबामा भी हिस्सा लेंगे। मजे की बात यह है कि इसी समिट में 1 और 2 नवंबर को जो बाइडेन और उनकी टीम भी हिस्सा लेने वाली है। हालांकि, ये तय नहीं है कि क्या ओबामा और बाइडेन एक साथ इस समिट में हिस्सा लेंगे या उनके इवेंट्स अलग-अलग होंगे।
व्हाइट हाउस की सुनिए
मार्च में इस तरह की खबरें सामने आईं कि बाइडेन अब भी ओबामा से करीब-करीब हर मसले पर सलाह-मश्विरा करते हैं। जब व्हाइट हाउस से इस बारे में पूछा गया तो जवाब मिला- हां, प्रेसिडेंट बाइडेन नियमित तौर पर ओबामा से प्रोफेश्नल और पर्सनल मैटर्स पर बात करते हैं। हालांकि, व्हाइट हाउस ने ये नहीं बताया कि दोनों के बीच कितनी बार बातचीत हुई या होती है।
वर्जीनिया में गवर्नर का इलेक्शन होना है। यहां बाइडेन की पार्टी, यानी डेमोक्रेटिक पार्टी के कैंडिडेट टेरी मैकल्फी की रेटिंग गिर रही है। अब डैमेज कंट्रोल के लिए ओबामा 23 अक्टूबर को यहां पहुंच रहे हैं। फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन भी आ रही हैं।
हर मुद्दे पर बचाव, लेकिन सबसे बड़ा चैलेंज
बाइडेन ने पिछले दिनों अमेरिकी इकोनॉमी को ताकत देने के लिए 3.5 ट्रिलियन डॉलर का बिल पेश किया था। 27 सितंबर को ओबामा ने इस बिल के पक्ष में बयान दिया। कहा- अमीर लोग थोड़ा और टैक्स देंगे तो चाइल्ड केयर और बाकी चीजों पर भी काम हो सकेगा। हमे नई बिल्डिंग्स, रोड, ब्रिज, पोर्ट्स और क्लाइमेट चेंज पर काम के लिए भी फंडिंग चाहिए।
अगले साल मिड टर्म इलेक्शन यानी मध्यावधि चुनाव होने हैं। ‘फॉक्स न्यूज’के मुताबिक, जिस तेजी से बाइडेन की पॉपुलैरिटी कम हो रही है, उससे तो लगता है कि डेमोक्रेट्स गहरे दबाव में आने वाले हैं। लिहाजा, ओबामा अब हर मुद्दे पर बाइडेन को सलाह दे रहे हैं। प्रचार का मुख्य चेहरा कौन होगा? यह तय नहीं है।
फॉक्स न्यूज ने मार्च में एक सर्वे कराया था। उसमें कई लोगों ने माना था कि बाइडेन के प्रशासन और फैसलों में बराक ओबामा की झलक देखने मिल सकती है। (फाइल)
बेहद खराब रेटिंग
अमेरिका में प्रेसिडेंट की अप्रूवल रेटिंग से यह अंदाजा लग जाता है कि कोई राष्ट्रपति या उसकी सरकार के बारे में आम लोगों की क्या राय है। 6 अक्टूबर को क्यूनिपिएक यूनिवर्सिटी के सर्वे के नतीजे जारी हुए। इनके मुताबिक, बाइडेन की अप्रूवल रेटिंग महज 38%, जबकि डिस-अप्रूवल रेटिंग 53% है। सितंबर में यही रेश्यो 42%-50% था। जाहिर सी बात है बाइडेन की लोकप्रियता बहुत तेजी से गिर रही है।
शुरुआती 6 महीने यानी मोटे तौर पर जनवरी से अगस्त के बीच बाइडेन की यह रेटिंग कभी 50% से ऊपर नहीं गई। औसत की बात करें तो अब तक के टेन्योर में बाइडेन की अप्रूवल रेटिंग 45% और डिस-अप्रूवल रेटिंग 49% रही है।
दो मुख्य कारण
अगस्त के बाद तो यह बेहद तेजी से गिरी। इसकी दो मुख्य वजह रहीं। पहली- अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का जल्दबाजी में लिया गया फैसला और लापरवाही। दूसरी- कोविड कंट्रोल और वैक्सीनेशन में तमाम खामियां।
अब जबकि, अगले साल मिड टर्म इलेक्शन हैं और ट्रम्प ताल ठोक रहे हैं तो बाइडेन को संभलना होगा। नहीं तो सीनेट में बाइडेन बहुत कमजोर पड़ जाएंगे और साढ़े तीन साल बाद होने वाले चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी उनके हाथ से जीत छीन लेगी।
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