एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने कि विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच की मांग, कहा पुलिस की कहानी में हैं कई खामियां
कानपुर के बिकरू गांव में 5 लाख के इनामी बदमाश और 8 पुलिसकर्मियों को शहीद करने वाले विकास दुबे कि एनकाउंटर में मौत हो गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस एसटीएफ ने आज (शुक्रवार) सुबह उसे मार गिराया है। बता दें कि कल (वीरवार) ही विकास दुबे को उज्जैन पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया था। हालांकि आज उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस के हाथों सौंपा। जिसके बाद पुलिस के अनुसार गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया जिसके बाद विकास दुबे पुलिस की पिस्टल छीनकर भागा फिर मुठभेड़ में विकास दुबे कुमार गिरा दिया गया। वही एक आईपीएस की पत्नी और एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने विकास दुबे प्रकरण की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत करते हुए तमाम कानूनी कार्रवाईयों की जांच की मांग कर दी है।
एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने कहा है कि विकास दुबे ने जघन्य अपराध किया था, लेकिन जिस तरह से उसके बाद पुलिस ने गैरकानूनी काम किया वह निंदनीय है। उन्होंने आरोप लगाया है कि विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे को गांव में मारा गया, वे इस घटना में शामिल नहीं थे। इस तरह उसकी सहयोगी प्रभात मिश्रा,प्रवीण दुबे और विकास दुबे को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मारा जाना किसी को स्वीकार नहीं हो रहा है। पुलिस की कहानी में कई खामियां हैं। विकास का घर बिना आदेश के गिराया गया, उसकी पत्नी व बच्चे से बर्ताव भी असंवैधानिक और अनुचित था। बता दे कि नूतन ठाकुर ने इस एनकाउंटर पर कई सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। ऐसे में नूतन ने इन आरोपों की जाँच की मांग की है।
नूतन ठाकुर ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को जो पत्र लिखा है उसमें उन्होंने लिखा है कि ‘कृपया विगत दिनों ग्राम बिकरू, थाना चौबेपुर, जनपद कानपुर नगर में हुई लोमहर्षक एवं जघन्यतम हत्याकांड का सन्दर्भ ग्रहण करने की कृपा करें, जिसमे अभियुक्त विकास दूबे व अन्य के द्वारा 08 पुलिसकर्मियों को मौके पर मार दिया गया। अनुरोध करुँगी कि इस घटना के बाद जिस प्रकार पुलिस ने कार्य व बर्ताव किया है, वे निश्चित रूप से स्पष्टतया घोर निंदनीय, अमानवीय, अनुचित, गैरकानूनी एवं अवैध दिख रहे हैं। मैं इनमे महत्वपूर्ण कार्यों को संक्षेप में प्रस्तुत कर रही हूँ-
1. दिनांक 03/07/2020- 02 व्यक्ति प्रेम प्रकाश पाण्डेय तथा अतुल दूबे को गाँव में ही पुलिस द्वारा मारा गया और यह दावा किया गया कि उनका एनकाउंटर हुआ है. इसके विपरीत मुझे विश्वस्त सूत्रों से दी गयी जानकारी के अनुसार चूँकि ये दोनों व्यक्ति पुलिसकर्मियों की हत्या में बिलकुल नहीं शामिल थे, अतः वे निश्चिन्त थे तथा गाँव में ही आराम से मौजूद थे. मुझे दी गयी जानकारी के अनुसार पुलिस इन दोनों व्यक्तियों को पूछताछ के नाम पर मौके से ले गयी और कुछ समय बाद उनका एनकाउंटर दिखा दिया गया.
2. दिनांक 04/07/202- हथियार तथा गोला बारूद बरामद किये जाने के नाम पर विकास दूबे के पैत्रिक आवास को दिनदहाड़े बुलडोज़र से पूरी तरह ढहाते हुए नेस्तनाबूद कर दिया गया.
3. दिनांक 08/07/2020- विकास दूबे के आपराधिक सहयोगी अमर दूबे को हमीरपुर में मारा गया, जिसे पुलिस ने एनकाउंटर बताया.
4. दिनांक 09/07/2020- फरीदाबाद में गिरफ्तार हुए विकास के दो आपराधिक सहयोगी प्रभात मिश्रा तथा प्रवीण दूबे को इटावा में पुलिस कस्टडी से भागता हुआ बता कर मार डाला गया.
5. दिनांक 09/07/2020- विकास दूबे की पत्नी तथा बच्चे को गिरफ्तार किया गया तथा पुलिस द्वारा उनके साथ अमानवीय तथा अनुचित आचरण/व्यवहार किया गया.
6. दिनांक 10/07/2020- दिनांक 09/07/2020 को उज्जैन में सरेंडर किये विकास दूबे को प्रभात मिश्रा तथा प्रवीण दूबे की ही तरह कानपुर में पुलिस कस्टडी में मार दिया गया.
मैं स्पष्ट करना चाहती हूँ कि मैं किसी भी प्रकार से इन अपराधियों तथा उनके आपराधिक कृत्यों की समर्थक नहीं हूँ. मैं पेशे से अधिवक्ता एवं सोशल एक्टिविस्ट हूँ. साथ ही मेरे पति यूपी में एक आईपीएस अफसर हैं. इस रूप में मैं भी पुलिस परिवार की सदस्य हूँ तथा इस कारण मैं दिवंगत पुलिसकर्मियों के प्रति पूर्ण श्रद्धा, सहानुभूति एवं समर्पण रखती हूँ.
इसके विपरीत एक एक्टिविस्ट तथा एक अधिवक्ता के रूप में मैं कभी भी किसी भी गैरकानूनी तथा आपराधिक कृत्य का समर्थन नहीं कर सकती हूँ, चाहे वह अपराधी द्वारा किया जाये अथवा पुलिस द्वारा। इस मामले में जहाँ विकास दूबे ने जघन्यतम आपराधिक कार्य किये, वहीँ ऊपर वर्णित घटनाक्रम से स्पष्ट है कि इस घटना के बाद पुलिस ने भी लगातार गैरकानूनी तथा आपराधिक कार्य किये हैं।
बता दें कि नूतन ठाकुर ने इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है। वहीं विपक्षी भी लगातार इस एनकाउंटर को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव तक ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है।