अब इन क्षेत्रों में भी ड्रोन से पहुंचेगी वैक्सीन, ICMR को मिली सशर्त मंजूरी
नई दिल्ली. नागर विमानन मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) को अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, मणिपुर और नगालैंड में सुदूर इलाकों में टीकों (Vaccination) के वितरण के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की सशर्त मंजूरी दे दी है. मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया कि ICMR को टीकों के वितरण के लिए 3,000 मीटर तक की ऊंचाई पर ड्रोन के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है. दो दिन पहले, केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तेलंगाना के विकाराबाद में अपनी तरह की पहली ‘मेडिसिन्स फ्रॉम द स्काई’ (आसमान से दवाएं) परियोजना शुरू की जिसके तहत ड्रोन की मदद से दवाओं और टीके की आपूर्ति की जाएगी.
वक्तव्य में कहा गया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मुंबई को भी अपने परिसरों में शोध, विकास एवं परीक्षण उद्देश्यों के लिए ड्रोन के इस्तेमाल सशर्त अनुमति मिली है. आईआईटी और ICMR, दोनों संस्थानों को ड्रोन नियम, 2021 के तहत सशर्त छूट दी गई है. इसमें बताया गया यह अनुमति मंजूरी मिलने के एक साल तक या अगले आदेश तक वैध होगी. मंत्रालय ने 25 अगस्त को ड्रोन नियमों को अधिसूचित किया था.
ट्रायल के दौरान 9 मिनट में हुई टीकों की डिलीवरी
ब्लूडार्ट के प्रबंध निदेशक बालफोर मैनुअल ने शनिवार बताया कि ट्रायल के दौरान, 9 मिनट में टीकों की डिलीवरी की गई. NDTV के अनुसार ब्लूडार्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल ड्रोन 5 किलोग्राम भार ले जा सकता है.सिंधिया ने हाल ही में राष्ट्रव्यापी ड्रोन नीति की घोषणा की थी और कहा था, ‘भारत 2030 तक विश्व स्तर पर ड्रोन हब बन जाएगा.’ इस नीति का उद्देश्य ड्रोन संचालन में सेफ्टी और सिक्योरिटी के बीच संतुलन बनाते हुए सुपर-नॉर्मल ग्रोथ के युग की शुरुआत करना है.