कड़े विरोध के बाद पीछे हटी केजरीवाल सरकार, अब केजरीवाल के शपथ ग्रहण में शिक्षकों की मौजूदगी अनिवार्य नहीं

दिल्ली विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी ने भारी मतों से जीत लिया है। वहीं अब अरविंद केजरीवाल शपथ ग्रहण करेंगे साथ में आम आदमी पार्टी के कुछ विधायकों को मंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण भी करनी है। बताया जा रहा है कि जो पिछली बार मंत्री थे वही मंत्री फिर एक बार शपथ ग्रहण करते हुए नजर आएंगे। यानि पिछली बार का मंत्रिमंडल ही इस बार दोबारा से शपथ ग्रहण करता हुआ नजर आएगा। वही शिक्षा निदेशालय द्वारा दिल्ली के सभी विद्यालयों को निर्देश दिए गए थे कि हर विद्यालय का प्रमुख अपने साथ 20 शिक्षकों को लाएगा। जिसके बाद विपक्ष इस पर हमलावर हो गया था। बीजेपी के सांसद प्रवेश वर्मा ने इस मामले पर विरोध किया था। जिसके बाद अब शिक्षकों की मौजूदगी अनिवार्य नहीं है। यानी केजरीवाल सरकार ने अपना फैसला बदल लिया है। बता दें की दिल्ली सरकार के इस फैसले का चौतरफा विरोध किया गया था।

अब शिक्षकों की अनिवार्य उपस्थिति को नियंत्रण में बदल दिया गया है। जो नया फैसला आया है उस फैसले के बाद रामलीला मैदान में शिक्षकों की एंट्री के दौरान अटेंडेंस नहीं लगाई जाएगी। बता दें कि इसका कड़ा विरोध किया गया था जिसके बाद दिल्ली सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। अब शपथ ग्रहण समारोह में शिक्षकों का आना स्वैच्छिक है उनकी कोई हाजिरी नहीं लगने वाली है। वहीं इससे पहले शिक्षकों और प्रधानाचार्यों, उप प्रधानाचार्य, एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम कोऑर्डिनेटर, हैप्पीनेस कोऑर्डिनेटर और शिक्षक विकास समन्वयक समेत 20 अन्य लोगों को लाने के लिए कहां गया था।

 

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