अब दिल्ली में ही देखें गेटवे ऑफ इंडिया समेत 21 स्मारक, आज होगा उद्घाटन
नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) आज यानी शनिवार (25 अक्टूबर) को दिल्ली में ‘भारत दर्शन पार्क’ (Bharat Darshan Park) का उद्घाटन करेंगे. इस पार्क में बेकार चीजों और अपशिष्ट सामग्री से भारत के कई प्रतिष्ठित स्मारकों की आकर्षक प्रतिकृतियां बनायी गई हैं.
हालांकि दक्षिण दिल्ली नगर निगम द्वारा ‘अपशिष्ट से संपदा’ मॉडल पर बनाया गया मनोरंजन उद्यान कुछ देर से खोला जा रहा है. इस उद्यान का उद्घाटन ऐसे समय हो रहा है, जब अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में निकाय चुनाव होने हैं.
ताजमहल से लेकर गेटवे ऑफ इंडिया सब एक जगह
बहरहाल, आठ एकड़ में फैले इस उद्यान में कुतुब मीनार, ताजमहल, चारमीनार, गेटवे ऑफ इंडिया, कोणार्क मंदिर, नालंदा अवशेष, मैसूर महल, मीनाक्षी मंदिर, हम्पी, विक्टोरिया मेमोरियल हॉल, सांची स्तूप, गोल गुंबज, अजंता और एलोरा गुफाएं और हवा महल सहित कई स्मारकों की प्रतिकृतियां बनायी गई हैं. इस बाबत एसडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘उद्यान में कुल 22 प्रतिकृतियां हैं, जिसका उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार शाम करेंगे. इनमें 21 स्मारकों और एक पेड़ की प्रतिकृतियां शामिल हैं.’
साउथ दिल्ली के मेयर ने कही ये बात
इस उद्यान को पहले अक्टूबर के अंत तक खोले जाने की उम्मीद थी. इसमें पहले अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की प्रतिकृति को भी शामिल करने की योजना थी. दक्षिण दिल्ली के मेयर मुकेश सूर्यन ने कहा कि आज खुलने वाले पार्क में स्वर्ण मंदिर की प्रतिकृति नहीं है. दरसअल दक्षिण दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके में स्थित पार्क में पवित्र सिख धर्मस्थल की प्रतिकृति के निर्माण को लेकर जून में एक विवाद छिड़ गया था, जिसके बाद इसे हटा दिया गया था.
उस वक्त दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने गत जून के अंत में दावा किया था कि पार्क में बनाए जा रहे मंदिर की प्रतिकृति को ‘हटा दिया गया’ है क्योंकि यह ‘सिख मर्यादा’ के खिलाफ था. उन्होंने इस बारे में ट्वीट भी किया था और स्थल की तस्वीरें भी साझा की थीं. हालांकि सूर्यन ने बाद में कहा था कि प्रतिकृति को पार्क में स्थान से केवल ‘हटा’ दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘पार्क का विषय ‘एकता और विविधता’ है और ये कलाकृतियां हमारे स्मारकों और सांस्कृतिक विरासत के प्रति अत्यधिक सम्मान दर्शाती हैं. उन्होंने कहा कि इस परियोजना पर लगभग 16 करोड़ रुपये का खर्च आया है.
अधिकारियों ने कहा कि इन प्रतिकृतियों को पुराने वाहनों, पंखे, लोहे की छड़, नट और बोल्ट जैसे बेकार सामान और अपशिष्ट सामग्री से बनाया गया है.