अब कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत नहीं लड़ेंगे चुनाव? जानिए प्लानिंग
कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि चुनाव लड़ने की अब उनकी बिल्कुल इच्छा नहीं है। वे पार्टी हाईकमान को भी अपने मन की बात बता चुका हैं। हालांकि, हरक यह भी बोले कि हाईकमान का जो भी आदेश होगा उसका परिवार का एक सदस्य होने के नाते पालन किया जाएगा। कहते हैं कि वह राजनीति से सन्यास नहीं ले रहे हैं।
उन्होंने पार्टी हाईकमान से यह कहा कि विधायक के रूप में काम करते हुए उन्हें काफी समय हो चुका है, अब नए लोगों को मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी चुनाव लड़ाने के लिए बजाय यदि संगठन में काम देती है तो वे एक कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगे। बेटा-बेटी राजनीति के पक्ष में नहीं: हरक की जगह कौन चुनाव लड़ेगा? इस सवाल पर हरक ने कहा कि कोई न कोई तो चुनाव लड़ेगा ही। पार्टी में इतने सारे लोग हैं। पार्टी जिसे भी उचित समझेगी।
उत्तराधिकारी के रूप में किसी के नाम विचार किया है इस सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में उंगुली पकड़ कर आगे कोई नहीं बढ़ सकता है, जब तक खुद के अंदर प्रतिभा न हो। हरक ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी से राजनीति में उतरने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने राजनीति आने से बिल्कुल मना कर दिया। वहीं, बेटे की भी कोई इच्छा नहीं है।
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अब चुनाव न लड़ने की इच्छा जाहिर कर फिर सुर्खियों में आ गए हैं। बार-बार वे ऐसा कहकर कहीं अपने किसी पारिवारिक सदस्य के लिए तो टिकट के लिए दबाव तो नहीं बना रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चाएं तैर रही हैं। हरक की बहू अनुकृति गुसाईं लैंसडौन क्षेत्र में काफी समय से सक्रिय है। एक एनजीओ के जरिए वे वहां काम कर रही हैं। लेकिन इस सीट पर भाजपा विधायक महंत दलीप रावत हैं, जिनका हरक से छत्तीस का आंकड़ा भी चला आ रहा है। क्या हरक अपनी बहू के लिए सीट बदलवाने के लिए कोशिश में तो नहीं हैं। वैसे वे बार-बार सीट बदलने में माहिर हैं और नई सीट पर जीत कर आने की भी कुव्वत अभी तक रखते आ रहे हैं।