ट्रस्ट में एक भी पैसे का घोटाला नहीं हुआ, मैं रामजी को साक्षी मानकर कह रहा हूं: गोविंद देव गिरी
अयोध्या। पिछले कुछ दिनों से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद घोटाले का आरोप साधु संतों के साथ राजनीतिक पार्टियां भी लगाने लगी थी जिसका पटाक्षेप करने के लिए अयोध्या में ट्रस्ट के सदस्यों की 3 दिन के मैराथन बैठक के बाद ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज मणिराम दास छावनी में प्रेस से मुखातिब हुए और कहा कि ट्रस्ट ने एक भी पैसे का घोटाला नहीं हुआ है यह मैं रामजी को साक्षी मानकर कह रहा हूं। उन्होंने ने कहा कि राजनीतिक और कुछ तथाकथित धर्माचार्य भी हैं जिन्होंने आरोप लगाया वे मंदिर निर्माण में बाधा डालना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 3 दिनों से आकर लगातार अब तक इसी बात की खोजबीन करता रहा।अपने साथ वकीलों को लेकर आया और सारे न्यासी बंधु भी आए।भूमि संपादन का कार्य किया किया गया उसमें किसी प्रकार की अनियमितता नहीं बरती गई है।हम जो मंदिर दुनिया के सामने खड़ा करना चाहते हैं वह निश्चित रूप से दुनिया में सबसे बड़ा स्थान होगा। मंदिर के आसपास परकोटे के निर्माण के लिए हमारे पास भूमि नही थी। जिसके लिए समिति बनाकर राम कोट परिसर के आसपास की जमीन खरीदी गई है। मैं आज पूरी सच्चाई के साथ कहता हूं कि अगर कोई व्यक्ति ट्रस्ट ने जितने में जमीन खरीदी है उतने या उससे कम दाम में जमीन खरीद के दे दे तो मैं आभारी रहूंगा। श्री गिरि ने कहा लोगों को भ्रमित करने का प्रयास किया गया उसमें एक ही दिखता है यह लोगों की मंशा भगवान राम के मंदिर निर्माण के कार्य में बाधा डालने की है।इसलिए ध्यान रखिएगा कि यह सारा कार्य वैधानिक रूप से किया गया है।इसमें किसी प्रकार का किसी से भी व्यवहार नहीं किया गया है कहीं पर भी कानून की मर्यादा को धूमिल नहीं किया गया है। जिन लोगों ने ऐसा आरोप लगाया है तूल देकर के पूरे देश में एक भ्रम निर्माण करने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि मैं इस मामले का मीडिया ट्रायल नहीं करना चाहते है।जब कोई व्यक्ति हमसे इसके बारे में पूछेगा तो हम पूरे प्रमाण के साथ उसको बताएंगे। जिन लोगों के मन में राजनीतिक उद्देश्य है उन लोगों का विश्वास आप लोग मत कीजिएगा।हम पर विश्वास कीजिएगा हम समय से भगवान राम के मंदिर का निर्माम करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत किसी पर कोई मुकदमा नहीं करना चाहता लेकिन अगर न्यासी गण चाहेंगे तो मैं उनके साथ हूं। प्रेस वार्ता के दौरान मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी कमल नयन दास कामेश्वर चौपाल महंत दिनेद्र दास विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र उपस्थित रहे। तो वही जब पत्रकारों ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कोषाध्यक्ष से सवाल किया तो वह भाग खड़े हुए कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लिया। ट्रस्ट ने बकायदा एक प्रेसवार्ता बुलाई और भाषण देते हुए अपनी बात तो कह लिये जब मौका पत्रकारों के सवाल का आया तो ट्रस्टीगण एकदूसरे का मुंह देखते हुए भाग खड़े हुए। अगर बात पूरे घटनाक्रम की करे तो जमीन घोटाले का सवाल जस का तस है। अब भी लोग सच जानना चाहते हैं कि जमीन खरीद में घोटला हुआ कि नही?