North Korea का खतरनाक ड्रोन योजना: किम जोंग-उन ने आत्मघाती हमलावर ड्रोन के निर्माण के दिए आदेश

North Korea के नेता किम जोंग-उन ने एक नई और खतरनाक सैन्य योजना का खुलासा किया है, जिसमें आत्मघाती हमलावर ड्रोन बनाने के आदेश दिए गए हैं।

North Korea के नेता किम जोंग-उन ने एक नई और खतरनाक सैन्य योजना का खुलासा किया है, जिसमें आत्मघाती हमलावर ड्रोन बनाने के आदेश दिए गए हैं। यह ड्रोन लक्ष्यों पर सटीक प्रहार करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो कि जमीन और समुद्र दोनों पर दुश्मन के टारगेट को निशाना बना सकते हैं। किम ने इस तकनीकी विकास को बहुत महत्व दिया है और इसके बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए आदेश भी दिए हैं।

आत्मघाती ड्रोन का परीक्षण

North Korea के राज्य मीडिया के अनुसार, किम जोंग-उन ने हाल ही में आत्मघाती हमलावर ड्रोन का प्रदर्शन परीक्षण किया। यह ड्रोन ऐसे उपकरण हैं, जो अपनी लक्ष्य को निशाना बनाने के बाद खुद भी नष्ट हो जाते हैं। किम ने इस परीक्षण पर संतोष व्यक्त किया और इसे आत्मरक्षा और अपने दुश्मनों पर प्रहार करने के एक प्रभावी तरीके के रूप में प्रस्तुत किया। इस ड्रोन का डिजाइन सटीक हमले के लिए किया गया है, ताकि वह किसी भी लक्ष्य पर प्रभावी तरीके से हमला कर सके, चाहे वह जमीन हो या समुद्र।

ड्रोन हमलों में लक्ष्य

North Korea किम जोंग-उन के आदेश के अनुसार, इन ड्रोन का उद्देश्य दुश्मन के विभिन्न महत्वपूर्ण और रणनीतिक लक्ष्यों पर हमला करना होगा। उत्तर कोरिया के द्वारा जारी की गई तस्वीरों में यह दिखाया गया है कि ड्रोन का परीक्षण पुराने बीएमडब्ल्यू सेडान और टैंकों पर किया गया था। इससे यह संकेत मिलता है कि यह ड्रोन ऐसे वाहनों और उपकरणों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किए गए हैं, जो युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

विशेष रूप से, ड्रोन का उद्देश्य दुश्मन के वाहनों और सैन्य टैंक जैसे महत्वपूर्ण और सामरिक टारगेट पर हमला करना है, ताकि इन पर सटीक और विध्वंसक प्रहार किया जा सके। यह ड्रोन हमले का तरीका युद्धक्षेत्र में दुश्मन की सैन्य ताकत को नष्ट करने के लिए एक प्रभावी रणनीति साबित हो सकता है।

किम जोंग-उन का सैन्य विकास पर जोर

North Korea किम जोंग-उन ने इस हथियार की विकास प्रक्रिया को पूरी तरह से समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि इन ड्रोन को एक श्रृंखला उत्पादन प्रणाली के तहत बड़े पैमाने पर बनाना बेहद आवश्यक है। उत्तर कोरिया का उद्देश्य इन ड्रोन का उत्पादन करने के बाद इन्हें विभिन्न प्रकार के सैन्य अभियानों में इस्तेमाल करना है, जो किसी भी स्थिति में दुश्मन के हमले का मुकाबला करने के लिए तैयार हो। किम ने अपनी सेना को इस हथियार प्रणाली के निर्माण में तेजी लाने के लिए कहा है।

उत्तर कोरिया का यह कदम वैश्विक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती हो सकता है, क्योंकि इन ड्रोन का इस्तेमाल न केवल सीमित क्षेत्रों में बल्कि बड़े पैमाने पर युद्ध में भी किया जा सकता है। किम जोंग-उन की सरकार पहले ही परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल तकनीकों पर भारी निवेश कर चुकी है, और अब वह ड्रोन तकनीकी में भी अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

North Korea का बढ़ता सैन्य खतरा

यह कदम उत्तर कोरिया के बढ़ते सैन्य खतरे को दर्शाता है, जिससे पड़ोसी देशों और वैश्विक शक्तियों के बीच चिंता बढ़ रही है। किम जोंग-उन का यह ड्रोन अभियान इस बात का संकेत है कि उत्तर कोरिया अपनी सैन्य क्षमताओं को लगातार विस्तार दे रहा है और संभावित युद्ध की स्थिति में इसे एक निर्णायक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकता है।

किम जोंग-उन ने पहले भी अपनी सेना की ताकत बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण और परमाणु हथियारों का विकास। अब ड्रोन तकनीक में भी उनकी बढ़ती रुचि यह दिखाती है कि उत्तर कोरिया अपने शत्रुओं के खिलाफ और भी परिष्कृत और विध्वंसक तरीकों को अपनाने के लिए तैयार है।

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North Korea द्वारा आत्मघाती हमलावर ड्रोन के निर्माण का निर्णय, किम जोंग-उन की सैन्य रणनीति का एक नया और खतरनाक कदम है। यदि यह ड्रोन बड़े पैमाने पर निर्मित होते हैं, तो यह युद्धक्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकते हैं। दुनिया के लिए यह एक चेतावनी है कि उत्तर कोरिया अपनी सैन्य ताकत को और भी बढ़ा सकता है, जो वैश्विक सुरक्षा पर गंभीर असर डाल सकता है।

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