यहां क्लिक कर जानें उत्तर प्रदेश में आखिर कैसे और किसको मिल सकेगी होम आइसोलेशन की अनुमति
पूरे देश भर में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में अब दिल्ली की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी कोरोनावायरस ओं के लिए होम आइसोलेशन की गाइडलाइंस जारी कर दी गई है। यानी अब उत्तर प्रदेश में भी कोरोनावायरस संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में रह सकते हैं। हालांकि इसके लिए सरकार ने 24 घंटे मरीज की देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति को मौजूद रहने के लिए कहा है। यानी यह जरूरी होगा कि अगर कोई व्यक्ति होम आइसोलेशन में हैं तो उसके पास 24 घंटे एक व्यक्ति जरूर हो जो मरीज की देखभाल कर सकें।
पूरे होम आइसोलेशन के दौरान देखभाल करने वाले व्यक्ति और संबंधित अस्पताल के बीच संबंध बनाए रखना होम आइसोलेशन की अनिवार्यता है। यूपी सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि बिना लक्षण वाले जिन मरीजों के घर में सुविधाएं उपलब्ध हैं, केवल उन्हीं मरीजों को होम आइसोलेशन की इजाजत होगी। यह सुविधा उन्हीं लोगों को मिलेगी जिन्हें इलाज करने वाले डॉक्टर ने इसकी अनुमति दी है।
जिन मरीजों के घर में होम आइसोलेट होने और परिजनों के क्वारनटीन होने की सुविधा है, उन्हें इसकी इजाजत होगी। साथ ही घर में कम से कम दो शौचालय का इंतजाम होना चाहिए। यानी जिनके घर में एक शौचालय है वह होम आइसोलेशन में नहीं जा सकता। वहीं जिन मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता चाहे वो एचआईवी संक्रमित, अंग प्रत्यारोपण अथवा कैंसर आदि की वजह से हो, उन्हें होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
होम आइसोलेशन में कोरोना मरीजों के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा। इस ऐप को ब्लू ट्रूथ और वाईफाई के माध्यम से हमेशा सक्रिय रखना होगा। दिन में दो बार इस ऐप में सूचना अपडेट करनी है। यदि मरीज के पास स्मार्टफोन नहीं है तो वह फोन से कंट्रोल रूम को अपने स्वास्थ्य से जुड़ी सूचना दे सकता है। इसके अलावा मरीज को स्वास्थ विभाग की ओर से तैयार किए गए ऐप को भी डाउनलोड करना होगा। निर्धारित नियम में यह भी बताया गया है कि होम आइसोलेशन की अवधि कब खत्म होगी
इस व्यवस्था में रहने वाले कोरोना मरीजों के पॉजिटिव होने के 10 दिन बाद और पिछले तीन दिनों में बुखार न आने पर होम आइसोलेशन समाप्त माना जाएगा। इसके बाद मरीज को 7 दिनों तक घर ही रहना होगा। होम आइसोलेशन खत्म होने के बाद टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी।