विदेशी हस्तियों के प्रदर्शन का समर्थन करने में आपत्ति नहीं, रिहाना- ग्रेटा को नहीं जानता: टिकैत
कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ 70 से भी अधिक दिनों से लगातार धरने पर बैठे किसानों को विदेशी हस्तियों को समर्थन मिल रहा है। इस पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का कहना है कि आखिर उनके समर्थन में दिक्कत क्या है? हालांकि उनका कहना है कि ये हस्तियां हैं कौन मैं इन्हें जानता नहीं हूं। उन्होंने कहा कि मुझे उनके समर्थन के बारे में कुुछ नहीं पता। भला मैं उन्हें क्यों जानूं।
टिकैत को जब जानकारी दी गई कि अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना, वयस्क फिल्मों के कलाकार मिया खलीफा और स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है तो उनका कहना था कि उनके समर्थन देने में परेशानी हो क्या रही है। वो हमसे कुछ ले नहीं रहे हैं।
ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ FIR नहीं
वहीं दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने किसानों को मिल रहे विदेशी हस्तियों के समर्थन के बाद ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) के खिलाफ एफआईआर होने की खबर को खारिज किया है। पुलिस ने कहा कि इसका भ्रामक प्रचार किया गया है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी क्राइम प्रवीर रंजन ने दिल्ली में 26 जनवरी के दिन हुई हिंसा को सुनियोजित साजिश भी बताया। साथ ही ये भी कहा कि एफआईआर टूलकिट के लेखक के खिलाफ दर्ज की गई है।
गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के पीछे की साजिश का खुलास करते हुए टूलकिट के लेखक के खिलाफ केस दर्ज होने की बात की है। पुलिस का कहना है कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली की आड़ में हुई हिंसा एक सुनियोजित साजिश थी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए तैयार इसकी गई थी। राजधानी में हिंसा की घटना, लाल किले में तोड़फोड़ और उसके साथ सोशल मीडिया पर भड़काऊ टिप्पणियां और वीडियो उसी तर्ज पर है। जैसा कि अमेरिका में कैपिटल हिल घटना के बाद देखने को मिला था।
309 ट्विटर अकाउंट हिंसा भड़काने वाले
इस संबंध में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी क्राइम प्रवीर रंजन ने साजिश का खुलासा करते हुए कहा कि अब तक 309 ऐसे ट्विटर और करीब 672 वीडियो मिले हैं, जिसके जरिए गणतंत्र दिवस के दिन रैली के दौरान हिंसा की जानी थी। साथ ही सोशल मीडिया की निगरानी के दौरान एक अकाउंट के जरिए दस्तावेज मिला है जो ‘टूलकिट’ है, जिसमें एक्शन प्लान है।
किसने बनाया टूलकिट?
यह टूलकिट खालिस्तानी समर्थक संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के द्वारा बनाया गया है। इसमें किसान आंदोलन के दौरान क्या करना है, यह कहा गया है। इसमें कहा गया है कि 23 जनवरी से लगातार किसान आंदोलन को लेकर काफी ट्वीट करने हैं। 26 जनवरी को दिल्ली की सीमा के पास होने वाले मार्च में शिरकत करनी है और वापस सीमा पर आना है।पुलिस ने कहा 26 जनवरी को जो कुछ हुआ उसे देखकर ऐसा लगता है कि टूलकिट में जो लिखा है उसको पूरी तरह प्लान किया गया है। इसे पहले अपलोड किया गया और फिर कुछ दिन बाद ही से डिलीट कर दिया गया।