महिलाओं पर तंज कसने में किसी भी पार्टी का कोई भी नेता पीछे नहीं, देखिए लिस्ट
कंगना रनौत और सुप्रिया श्रीनेत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा इसे भुनाने की पुरजोर कोशिश में लगी है। कल श्रीनेत ने सफाई देते हुए कहा था कि एक्स प्लेटफार्म पर जो उनका पैरोडी अकाउंट चलाया जा रहा है, उन्होंने उसके खिलाफ रिपोर्ट किया है।
आज भाजपा ने दावा किया है कि पैरोडी अकाउंट और उनके पर्सनल अकाउंट का एडमिन एक हो सकता है क्योंकि जो पैरोडी अकाउंट पोस्ट करता है, वही सुप्रिया के अकाउंट से भी पोस्ट हुआ है।
वैसे कंगना चाहे श्रीनेत के इस बयान का विरोध कर रही है, लेकिन कंगना ने भी 2020 में उर्मिला मांतोडकर के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। ये वीडियो बहुत वायरल हो रहा है, जिसमें कंगना कहती नज़र आ रही है, “उर्मिला एक सॉफ्ट पॉर्न स्टार हैं। वह अपनी एक्टिंग के लिए नहीं जानी जाती हैं, वह किस लिए जानी जाती हैं? सॉफ्ट पोर्न करने के लिए सही है।”
वैसे यह पहला मौका नहीं है, जब नेताओं के बोल बिगड़े हैं, इससे पहले भी नेताओं ने एक दूसरे की विचारधारा पर बात करने की बजाय महिला नेताओं को टारगेट किया है। कई नेता तो पूरे महिला समाज पर अभद्र टिप्पणियां करके सुर्खियों में आए।
भाजपा नेताओं के बयान बने सुर्खिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2018 में संंसद में भाषण दे रहे थे, तभी कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ज़ोर से हंसी, तो मोदी ने सभापति को संबोधित करते हुए कहा, ” सभापति जी रेणुका जी को आप कुछ मत कहिए रामायण सीरियल के बाद ऐसी हंसी सुनने का आज सौभाग्य मिला है।” इसके बाद केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सोशल मीडिया पर रेणुका चौधरी की हंसी की तुलना रामायण की शूर्पणखा से कर दी।
इससे पहले भी नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सुनंदा थरूर पर टिप्पणी की थी। 2012 की चुनावी रैली में उन्होंने कहा, “वाह क्या गर्लफ़्रेंड है। आपने कभी देखी है 50 करोड़ की गर्लफ़्रेंड?” इस पर शशि थरूर ने आपत्ति भी जाहिर की थी।
2018 में नरेश अग्रवाल जब समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे, तो उन्होंने जया बच्चन पर काफी अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि सपा ने मेरा टिकट नाचने वाली के लिए काट दिया। नरेश अग्रवाल सपा द्वारा जया बच्चन को तरजीह दिए जाने पर निराश थे। सुषमा स्वराज ने इस बयान की निंदा की थी।
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का बयान बहुत चर्चाओं में रहा था, जब उन्होंने महिलाओं पर कटाक्ष करते हुए कहा, “महिलाओं को ऐसा श्रृंगार करना चाहिए, जिससे श्रद्धा पैदा हो, न कि उत्तेजना। कभी कभी महिलाएं ऐसा श्रृंगार करती हैं, जिससे उत्तेजना पैदा हो जाती है।”
कांग्रेस के बिगड़े बोल
कांग्रेस में दिग्विजय सिंह अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहे हैं। उन्होंने कई बार महिलाओं पर गलत बयानबाजी की है। पार्टी के एक कार्यक्रम में तो दिग्विजय सिंह ने मीनाक्षी नटराजन को ‘टंच माल’ कहा था। एक बार अरिवंद केजरीवाल को निशाना बनाते समय राखी सावंत पर टिप्पणी कर डाली। उन्होंने कहा कि केजरीवाल और राखी सावंत जितना एक्सपोज करने का वादा करते हैं उतना करते नहीं हैं। राखी ने दिग्विजय सिंह के लिए कहा था कि उनका बयान बताता है कि वह सठिया गए है।
2012 में निर्भया कांड के दौरान उस समय दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का लड़कियों को लेकर बयान खूब चर्चाओं में रहा था। उन्होंने कहा था कि मीडिया ने निर्भया मामले को बहुत बढ़ाचढ़ाकर पेश किया है। बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के बाद भी शीला दीक्षित ने कहा था, “महिलाओं को ज़्यादा एडवेंचर्स नहीं होना चाहिए।”
निर्भया बलात्कार मामले पर ही उस समय पश्चिम बंगाल के कांग्रेस सांसद अभिजीत मुखर्जी ने बयान दिया था, “दिल्ली में 23-वर्षीय युवती के साथ बलात्कार के विरोध में प्रदर्शनों में हिस्सा ले रही छात्राएं ‘सजी-संवरी महिलाएं हैं, जिन्हें असलियत के बारे में कुछ नहीं पता। इनके लिए हाथ में मोमबत्ती लेकर सड़कों पर आना फैशन है।” हालांकि इसके बाद उन्होंने अपने इस बयान के लिए माफी भी मांग ली थी।
इसी साल गुजरात चुनावों के नतीजों पर संजय निरूपम और स्मृति ईरानी की एक टीवी शो में काफी बहस हो गई थी। इसी दौरान संजय निरूपम ने स्मृति ईरानी को कहा, “कल तक आप पैसे के लिए ठुमके लगा रही थीं और आज आप राजनीति सिखा रही है।” इसे लेकर स्मृति ने कड़ा एतराज़ जताया था।
सपा का विवादित बयान
साल 2014 में जब दो बहनों का गैंगरेप होने के बाद उन्हें पेड़ से लटका दिया था। उस मामले पर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के बयान ने तूल पकड़ लिया था। उन्होंने कहा था, ” लड़कियां पहले दोस्ती करती हैं। इसके बाद लड़के-लड़की में मतभेद हो जाता है। मतभेद होने के बाद वे इसे रेप का नाम दे देती हैं। लड़कों से गलती हो जाती है। क्या रेप केस में फांसी दी जाएगी? लड़के हैं, नादानी में रेप हो जाता है। इसका मतलब यह तो नहीं कि उन्हें फांसी पर लटका दिया जाए। केंद्र में जब हमारी सरकार आएगी तो इस कानून को बदल दिया जाएगा।’
मुलायम सिंह का लड़कियों को लेकर एक और बयान बड़ा चर्चाओं का विषय बना था। उन्होंने कहा था, “रेप तो एक ही आदमी करता है, लेकिन एफआईआर में चार लोगों के नाम लिख दिए जाते हैं, यह तो गलत बात है। एक महिला से चार आदमी तो रेप कर ही नहीं सकते। रेप के मामलों में सिर्फ उसे सजा मिले, जो दोषी हो। बाकी लोगों को सजा नहीं मिलनी चाहिए।”
जनता दल भी बयानबाज़ी में पीछे नहीं रही
2018 में चुनावी मौके पर जनता दल के नेता शरद यादव ने वसुंधरा राजे पर तंज कसते हुए कहा था, “वसुंधरा को आराम दो, बहुत थक गई हैं. बहुत मोटी हो गई है, पहले पतली थी. हमारे मध्य प्रदेश की बेटी है।” वसंधुरा राजे ने इस पर कड़ा एतराज़ जाहिर करते हुए कहा थी कि वह इस बयान से अपमानित महसूस कर रही हैं।
शरद यादव का 2017 का बयान भी सुर्खियों में रहा था। उन्होंने कहा था, “वोट की इज़्ज़त आपकी बेटी की इज़्ज़त से ज़्यादा बड़ी होती है. अगर बेटी की इज़्ज़त गई तो सिर्फ़ गांव और मोहल्ले की इज़्ज़त जाएगी लेकिन अगर वोट एक बार बिक गया तो देश और सूबे की इज़्ज़त चली जाएगी।’
ऐसे न जाने कितने ही बयान हैं, जो मर्यादा की हर सीमा तोड़ते नज़र आए हैं और नेताओं की ऐसी ओछी बयानबाज़ी ने भारतीय राजनीति को दुनिया के पटल पर तार-तार किया है।