प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण नहीं और शोक संवदेनाओं पर मनाही : मनोज पाण्डेय
झांसी, 25 सितम्बर (हि.स.)। प्रदेश में बढ़ते अपराधांे पर प्रदेश सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। यह चिंताजनक है। इससे भी बड़ी चिंता का विषय यह है कि सरकार पीड़ितों के प्रति शोक संवेदनाएं भी व्यक्त नहीं करने दे रही है। कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार सभी मोर्चों पर फेल है। प्रदेश सरकार के पास अपनी कोई भी उपलब्धि गिनवाने के लिए नहीं है। वह केवल पूर्ववर्ती सपा सरकार के विकास कार्यों के उद्घाटन करने में लगी है और अपनी पीठ थपथपा रही है। यह कहना है ऊंचाहार के विधायक और पूर्व सपा सरकार के कैबिनेट मंत्री मनोज पाण्डेय का। वह महोबा जाते हुए कानपुर में गिरफ्तार होने के बाद यहां आपातकाल में अवसर की तलाश करते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह वर्धन करने आए थे।
उन्होंने केन्द्र व प्रदेश की भाजपा सरकार को किसान व श्रमिक विरोधी बताते हुए सीधा हमला बोला। कहा कि भारतीय जनता पार्टी 2014, 2017 और 2019 में बड़े-बड़े नारों के सहारे सत्ता में आई थी। अपने वायदों को निभाने में असफल रही उत्तर प्रदेश सरकार में लगातार बढ़ रहे अपराध चिंता का विषय बने हुए हैं। यह मैं नहीं कह रहा हूं,क्राइम ब्यूरो रिपोर्ट ने यह माना है कि अपराध उत्तर प्रदेश में बहुत तेजी से बढ़े है। उन्होंने बताया कि महोबा में व्यवसाई इंद्रकांत तिवारी की हत्या पूर्व ही इंद्रकांत तिवारी ने आईपीएस पर संदेह जताते हुए आरोप लगाया था। अपराध पर तो यह लोग नियंत्रण कर नहीं कर पा रहे हैं इसके इतर यदि कोई शोक संवेदनाएं भी पीड़ितों के घर जाकर प्रकट करना चाहे तो उसे भी जाने से रोका जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जब वह लखनऊ से कानपुर होते हुए महोबा इंद्रकांत तिवारी के घर शोक संवेदना व्यक्त करने जा रहे थे तो उन्हें कानपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। सीतापुर में हुए कमलेश की हत्या के दौरान भी अटरिया में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व विधायक सनातन पाण्डेय,केके ओझा,जिलाध्यक्ष महेश कश्यप,पूर्व एमएलसी श्याम सुन्दर सिंह,राहुल सक्सेना,महावीर शरण भार्गव,अजय सूद,चन्द्र प्रकाश मिश्रा,पूर्व जिलाध्यक्ष जालौन धीरेन्द्र यादव कोंच,जिला प्रवक्ता संदीप वर्मा समेत दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
पूर्व सपा सरकार के विकास कार्यों का उद्घाटन करने में लगी भाजपा
वर्तमान प्रदेश सरकार पूर्व में मुख्यमंत्री रहे युवाओं के आईकाॅन अखिलेश यादव के विकास कार्यो का उद्घाटन मात्र कर रही है। उन्होंने कहा यह गर्व के साथ कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में पहली बार कृषि दर में वृद्धि समाजवादी पार्टी की सरकार में हुई थी। कहा जुमलेबाजी तो बहुत होती रहती है लेकिन इनका कोई हल नहीं। अगर जमीनी हकीकत की बात करें तो किसानों की परेशानियों को इस सरकार ने बढ़ाया ही है। 15 दिन पहले यूपी में यूरिया नहीं था। छुट्टा जानवर एक बड़ा संकट बना हुआ है। युवाओं को बेरोजगारी के चलते आत्महत्या करनी पड़ रही है। लॉकडाउन के पहले यह बेरोजगारी 57.7 प्रतिशत थी लेकिन लाॅकडाउन ने इसे और अधिक बढा दिया है। जीडीपी शून्य से नीचे चली गई है। परशुराम जयंती हो या 23 हजार संस्कृत विषय के शिक्षकों की नियमितीकरण का मुद्दा समाजवादी पार्टी ने इन मामलों को उठाया। सवर्ण यात्रा से लेकर प्रबुद्ध सभा तक सभी कुछ समाजवादी पार्टी की देन है।
कोविड-19 के दौरान भी व्यवस्थाएं रही चौपट
कोविड-19 जैसी विश्वव्यापी महामारी में बड़ी बड़ी घोषणाएं की गई थी,हाल में कहीं भी जमीन पर उतरती दिखाई नहीं दी। अस्पतालों का बुरा हाल है, कहीं पर सांप निकल रहे हैं तो कहीं पानी भरा पड़ा है और कहीं डॉक्टरों को खाना ही नहीं मिल रहा है। वर्तमान सरकार कुल मिलाकर सभी मोर्चों पर फेल हो साबित हुई है। इन सारी स्थितियों को देखते हुए हर वर्ग की आशा समाजवादी पार्टी पर टिकी है। सभी लोग समाजवादी पार्टी की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 को लेकर एक विधायक देवमणि दुबे ने वहां के जिलाधिकारी पर 2000 की किट को साढ़े सात हजार में खरीदने के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वर्तमान सरकार में भ्रष्टाचार किस स्तर पर है।
न सदन में विरोध करने देते हैं न सड़क पर
एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि विपक्ष का कार्य सत्तारूढ़ सरकार को सुझाव देना होता है। शासन सत्ता में राज्य कर रही सरकार को इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए बेहतर शासन चलाना चाहिए। लेकिन वर्तमान सरकार न सदन में विरोध करने दे रही है और न ही सड़कों पर हकीकत बयां करने दे रही। बुन्देलखण्ड के सबसे बड़े संकट छुट्टा जानवरों के संकट का हल बताते हुए उन्होंने कहा कि 20 वर्षों में वनरोज को मारने व दफनाने का कानून पहली बार समाजवादी सरकार में बनाया गया। यह उन्होंने स्वयं कृषि मंत्री रहते हुए किया था।
गौशाला के मुद्दे पर दागा सवाल
वर्तमान सरकार ने बछड़ों के संरक्षण करने व हत्या पर रोक लगाए जाने की बात कही लेकिन मैं उत्तर प्रदेश सरकार से पूछना चाहता हूं कि क्या गौशालाओं में जो 30 रुपए गौवंश के भोजन के लिए निर्धारित किए गए हैं उनमें से 10 रुपये से क्या गायों का पेट भरा जा सकता है जबकि अन्य 20 रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं। उन्होंने गौशालाओं के मामले में पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ से सीख लेने को कहा। पार्टी में चल रही गुटबाजी को लेकर उन्होंने कहा यह हमारे परिवार के अंदर का मामला है हम लोग बैठ कर उसे हल कर लेंगे।