गैर कांग्रेसी दलों को एक मंच पर लाने की तैयारी, नीतीश कुमार को मिला न्योता, राजद का पत्ता कटा
भारत की राजनीति में गैर कांग्रेसी दलों को एक मंच पर लाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (bihar cm nitish kumar0 को न्योता मिला है। वहीं बीजेपी की विरोधी और बिहार की सबसे बड़ी पार्टियों में से एक राजद (RJD) को निमंत्रण नहीं मिला है।
नई दिल्ली। भारत की राजनीति में एक बार फिर से एनडीए (NDA) और यूपीए (UPA) के अलावा तीसरे मोर्चे की संभावनाओं पर चर्चा तेज हो गई है। इस तीसरे मोर्चे में सभी गैर कांग्रेसी दलों को बीजेपी (BJP) के खिलाफ एक मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है। इनमें मुख्य तौर पर उन पार्टियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है जो किसान आंदोलन (Farmer Protest) और जतिगत जनगणना जैसे तमाम मुद्दों पर लगातार बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं।
एक मंच पर आएंगे गैर कांग्रेसी दल
गौरतलब है कि गैर कांग्रेसी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश में यह कार्यक्रम हरियाणा के जींद में पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की जयंती पर 25 सितंबर को आयोजित किया जा रहा है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) इसकी अगुवाई कर रहे हैं। इस तीसरे मोर्चे में एनडीए सरकार की प्रबल विरोधी ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) , राकांपा चीफ शरद पवार, शिरोमणि अकाली दल से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा जैसे चेहरों को एक साथ आने की तैयारी है। बता दें कि ये पार्टियां लगातार मोदी सरकार पर सवाल उठाती रही हैं।
नीतीश कुमार को भी मिला न्योता
देश की राजनीति में यूपी के बाद सबसे अधिक महत्व रखने वाला राज्य बिहार भी इस तीसरे मोर्चे की तैयारी से अछूता नहीं रहा है। इस कार्यक्रम के लिए भाजपा के अनन्य सहयोगी जदयू (JDU) के नेता और बिहार में एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Cm Nitish Kumar) को भी बुलावा मिला है। खास बात यह है कि भाजपा विरोधी दलों के इतने बड़े आयोजन में बिहार के प्रमुख दल राजद (RJD) को न्यौता नहीं मिला है। बता दें कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और तेजस्वी (Tejashwi Yadav) को इस आयोजन के लिए बुलावा मिलने की कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है।
बता दें कि नीतीश कुमार हाल में ही चौटाला से मिलने पहुंचे थे और दोनों नेताओं ने अपनी नजदीकी का जिक्र भी किया था। अब राजनीति में दिलचचस्पी रखने वाले लोगों की नजर इस आयोजन पर टिकी हुई है। देखना होगा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अपनी सहयोगी पार्टी के खिलाफ तैयार हो रहे इस मोर्चे का हिस्सा बनते हैं या फिर चौटाला से अपनी दोस्ती निभाते हुए इस कार्यक्रम का हिस्सा बनते हैं। वहीं राजद को इस आयोजन का निमंत्रण न मिलना भी लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है।