Nitish सबके हैं: बिहार की राजनीति में बदलाव

Nitish सबके हैं" यह वाक्य बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक शैली और उनके नेतृत्व का प्रतीक बन चुका है। इस वाक्य का मतलब केवल यह नहीं है

“Nitish सबके हैं” यह वाक्य बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक शैली और उनके नेतृत्व का प्रतीक बन चुका है। इस वाक्य का मतलब केवल यह नहीं है कि नीतीश कुमार खुद को एक बड़े नेता के तौर पर प्रस्तुत करते हैं, बल्कि इसका यह भी संकेत है कि उन्होंने अपनी राजनीति में हर वर्ग और हर पक्ष के साथ काम करने की कोशिश की है।

Nitish कुमार का राजनीति में सफर

Nitish कुमार ने बिहार की राजनीति में एक स्थिर और प्रभावी नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी का नेतृत्व करते हुए बिहार में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नीतीश कुमार की राजनीति का मुख्य आधार हमेशा से बिहार के विकास और सामाजिक न्याय पर रहा है। वे पहले राजीव गांधी के करीबी सहयोगी थे और फिर लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर बिहार की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाई। लेकिन 2005 के बाद से उन्होंने बिहार में कानून व्यवस्था और विकास को प्राथमिकता दी, जिसके चलते वे एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे।

Nitish

कभी भाजपा तो कभी महागठबंधन

Nitish कुमार ने अपने राजनीतिक करियर में कई बार गठबंधन बदले हैं। 2005 में, उन्होंने भा.ज.पा. (BJP) के साथ मिलकर राज्य में सत्ता हासिल की थी। लेकिन 2015 में उन्होंने महागठबंधन की ओर रुख किया और राजद, कांग्रेस जैसे दलों के साथ गठबंधन किया। यह दिखाता है कि वे हमेशा सत्ता के लिए गठबंधन के चक्कर में नहीं रहते, बल्कि बिहार की राजनीति को एक स्थिर दिशा देने की कोशिश करते हैं। हालांकि, 2017 में उन्होंने फिर से भा.ज.पा. के साथ हाथ मिलाया, जो उनकी राजनीति के लचीलेपन को दर्शाता है।

“सबके साथ, सबका विकास”

Nitish कुमार की राजनीति का आदर्श वाक्य “सबका साथ, सबका विकास” है, जो न केवल केंद्र सरकार की नीति को प्रतिबिंबित करता है, बल्कि उनके व्यक्तिगत दृष्टिकोण को भी दर्शाता है। उनका यह विचार बिहार के विभिन्न वर्गों और समुदायों को साथ लेकर चलने का है। चाहे वह सामाजिक न्याय हो या विकास, नीतीश कुमार ने हमेशा सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए नीतियाँ बनाई हैं। उनका यह कदम उनके राजनीति में सबके साथ चलने के उनके प्रयास को दर्शाता है।

विपक्ष को भी साथ लाना

Nitish कुमार की राजनीति में एक खास बात यह है कि वे अक्सर विपक्षी नेताओं को भी साथ लेकर चलने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के लिए, 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के बाद, उन्होंने राजद और अन्य छोटे दलों के साथ गठबंधन किया, भले ही बाद में उनकी राहें अलग हो गईं। इससे यह स्पष्ट होता है कि उनके लिए राजनीति में केवल सत्ता की अहमियत नहीं है, बल्कि राज्य की साख और विकास भी उनके लिए महत्वपूर्ण हैं।

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“Nitish सबके हैं” न केवल उनके राजनीतिक दृष्टिकोण को व्यक्त करता है, बल्कि यह उनके नेतृत्व की ताकत और लचीलापन का भी प्रतीक है। उनकी राजनीति में सत्तासीन रहने की शैली को कभी-कभी आलोचना का सामना भी करना पड़ा, लेकिन उनके द्वारा किए गए कई ऐतिहासिक फैसलों और योजनाओं ने बिहार को एक नई दिशा दी है। उनका यह वाक्य, बिहार की राजनीति में समाजवाद और विकास के बीच एक संतुलन बनाए रखने की उनकी कोशिश को भी दिखाता है।

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