भारत में अत्यधिक लोकतंत्र के बयान पर ट्रोल हुए नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत

नई दिल्ली : भारत में अत्यधिक लोकतंत्र के बयान पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि भारत में अत्यधिक लोकतंत्र की वजह से कड़े सुधारों को लागू करना कठिन होता है। कांत ने जोर दिया कि देश को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए और बड़े सुधारों की जरूरत है। प्रशांत भूषण ने भी कांत के बयान पर सवाल उठाए हैं।

स्वराज्य पत्रिका के कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेन्स को संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि पहली बार केंद्र की मोदी सरकार ने खनन, कोयला, श्रम, कृषि समेत विभिन्न क्षेत्रों में कड़े सुधारों को आगे बढ़ाया है। अब राज्यों को सुधारों के अगले चरण को आगे बढ़ाना चाहिए। इस बयान को लेकर उन्हें ट्रोल भी किया जा रहा है। बाद में अमिताभ कांत ने अपनी सफाई भी दी है

कांत ने कहा , ‘‘भारत के संदर्भ में कड़े सुधारों को लागू करना बेहद कठिन है। इसकी वजह यह है कि चीन के उलट हम एक लोकतांत्रिक देश हैं। हमें ग्लोबल चैंपियन बनाने पर जोर देना चाहिए। आपको इन सुधारों (खनन, कोयला, श्रम, कृषि) को आगे बढ़ाने के लिये राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है और अभी भी कई सुधार हैं, जिन्हें आगे बढ़ाने की जरुरत है।’

मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के किसानों के नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध-प्रदर्शन से जुड़े सवाल के जवाब में कांत ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘यह समझना जरूरी है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था बनी रहेगी, मंडियों में जैसे काम होता है, वैसे ही होता रहेगा.. किसानों के पास अपनी रूचि के हिसाब से अपनी उपज बेचने का विकल्प होना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें लाभ होगा।

 

 

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