कांग्रेस सरकार ने भी संपत्ति का मौद्रिकरण किया, राहुल ने उन प्रस्तावों को क्यों नहीं फाड़ा: सीतारमण
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को छह लाख करोड़ रुपये की मौद्रिकरण पाइपलान की आलोचना करने वालों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस तरह की पहल के बारे में कोई जानकारी रखते हैं।
वित्तीय राजधानी में पत्रकारों से बात करते हुए वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस ही थी जिसने जमीन और खदान जैसे संसाधनों को बेचने पर ‘‘रिश्वत’’ हासिल की। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों ने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का मौद्रिकरण करके 8,000 करोड़ रुपये जुटाए, और 2008 में संप्रग सरकार ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को पट्टे पर देने के लिये आग्रह पत्र आमंत्रित किया था।
राहुल गांधी की उस घटना को याद करते हुये जहां उन्होंने (गांधी ने) सहमत नहीं होने पर अध्यादेश की प्रति को फाड़ दिया था सीतारमण ने कहा कि राहुल गांधी ने रेलवे स्टेशन को पट्टे पर देने के प्रस्ताव संबंधी दस्तावेज को क्यों नहीं फाड़ दिया। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘अगर वह वास्तव में मौद्रिकरण के खिलाफ हैं, तो राहुल गांधी ने एनडीएलएस के मौद्रिकरण के आरएफपी को क्यों नहीं फाड़ दिया? अगर यह मौद्रिकरण है, तो क्या उन्होंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को बेच दिया? क्या अब इसका स्वामित्व जीजाजी के पास है?
क्या उन्हें पता है कि मौद्रिकरण क्या है?’’ उन्होंने कांग्रेस को राष्ट्रमंडल खेलों की याद भी दिलाई। सीतारमण ने दोहराया कि संपत्ति मौद्रिकरण योजना में संपत्ति को बेचना शामिल नहीं है, और संपत्ति सरकार को वापस सौंप दी जाएगी।