योगी सरकार के लिए अगला हफ्ता होगा चुनौती भरा, जानें क्यों
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) के लिए सितम्बर का दूसरा हफ्ता काफी मुश्किलों भरा होने जा रहा है. सूबे के पूर्वी हिस्से से लेकर पश्चिमी हिस्से तक जिला प्रशासन और सरकार के लिए ये हफ्ता काफी चुनौतियों भरा होने वाला है. दो बड़े शहरों में दो बड़े आंदोलन होने जा रहे हैं. पहला शहर है लखनऊ (Lucknow) और दूसरा शहर है मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar). खास बात ये है कि दोनों बड़े आंदोलन लगातार दो दिनों में ही होंगे.
पहला बड़ा आंदोलन मुजफ्फरनगर में होने जा रहा है. तीन कृषि कानूनों की वापसी को लेकर पिछले 9 महीने से जो किसान आंदोलन चल रहा है, उसी का ये अगला चरण है. मुजफ्फरनगर में अब तक की सबसे बड़ी किसान पंचायत होने का दावा किया जा रहा है. भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने लखनऊ में ही घोषणा की थी कि 5 सितम्बर को मुजफ्फरनगर में इतनी बड़ी किसान पंचायत होगी, जो अब से पहले कभी नहीं हुई थी. इसमें देशभर से आने वाले किसान शामिल होंगे.
इस पंचायत का राजनीतिक पार्टियों ने भी इसका समर्थन किया है. किसान नेता किसानों को गोलबन्द करके मुजफ्फरनगर पहुंचने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि वे किसानों को बुलाने के प्रयास नहीं कर रहे हैं बल्कि उनके आने पर उनके रुकने और खाने के इंतजाम में लगे हैं. उन्होंने दावा किया कि 5 सितम्बर को पंचायत में 20 लाख किसान शामिल होंगे.
यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने ट्वीट करके कहा है कि 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में आयोजित पंचायत किसान महापंचायत नहीं, बल्कि किसानों का धर्म युद्ध है. जाहिर है लाखों की भीड़ हुई तो न सिर्फ मुजफ्फरनगर बल्कि प्रदेश के दूसरे इलाकों में भी यातायात की स्थिति बेहद संजीदगी से संभालनी पड़ेगी.
मुजफ्फरनगर के एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय ने कहा कि शहर में व्यवस्थाओं को कायम रखने के लिए पूरे जिले में फोर्स लगायी गयी है. दूसरे जिलों से भी यूपी पुलिस की फोर्स आयेगी. पैरा मिलिट्री फोर्स नहीं लगायी गयी है.
दूसरा बड़ा आंदोलन 6 सितम्बर को लखनऊ में होने जा रहा है. भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के चीफ चन्द्रशेखर रावण ने देशभर से छात्र-छात्राओं को 6 सितम्बर को लखनऊ पहुंचने के लिए अपील की है. लखनऊ के ईको गार्डन पार्क में ये जमावड़ा होने वाला है. मसला 69 हजार शिक्षक भर्ती से जुड़ा हुआ है. आरोप है कि सरकार ने ओबीसी और एससी-एसटी को उनके कोटे के बराबर सीटें नहीं दी हैं.
कई दिनों तक चन्द्रशेखर रावण लगातार ईको गार्डन में आंदोलनकारी छात्र-छात्राओं के साथ धरने पर बैठे थे. ट्विटर और सोशल मीडिया के माध्यम से 6 सितम्बर को लखनऊ पहुंचने की अपील की जा रही है. मुजफ्फरनगर और लखनऊ में आंदोलनकारियों के होने वाले जमावड़े से शासन-प्रशासन के लिए काफी बड़ी चुनौती खड़ी हो गयी है.