विधानसभा में 65 वर्ष बाद नई नियमावली
नई नियमावली में सदस्यों द्वारा सदन में पालन किये जाने वाले नियमों में वृद्धि की गई है।, विधानसभा में मोबाइल फोन नहीं ले जा सकेंगे सदस्य
सदन में विधानसभा सदस्य मोबाइल फोन नहीं ला सकेंगे। वे सदन में झंडे, प्रतीक या किसी भी प्रदर्शनकारी वस्तु को नहीं दिखा सकेंगे। वे भी सभा में ऐसे साहित्य, प्रश्नावली, पुस्तिकाओं, प्रेस टिप्पणियों, पर्चों, आदि का प्रसार नहीं कर सकेंगे जो विधानसभा के काम से संबंधित नहीं हैं। वे सदन में किसी दस्तावेज को न तोड़ेंगे, न ही फाड़ेंगे। वे खुद अध्यक्ष की पीठ पर नहीं जाएंगे।
यदि आवश्यक हो, वे पटल अधिकारियों को पर्चियां भेज सकते हैं। विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली, 2023 का यह प्रविधान सोमवार को विधानसभा में पेश किया गया।
नई नियमावली में सदस्यों को सदन में पालन करने के लिए अधिक नियम शामिल हैं। यह भी कहता है कि सदस्य अध्यक्ष की ओर पीठ करके न तो बैठेंगे न ही खड़े होंगे। वे सदन में हथियार लाने और प्रदर्शित नहीं करेंगे। धूम्रपान नहीं करेंगे। सभा में इतनी जोर से बात नहीं करेंगे या हंसेंगे कि लोग सुनें।
नई नियमावली में सदस्यों के बोलने और प्रश्नों का उत्तर देने के नियम भी सुधारे गए हैं। सभा के कार्यों में बाधा डालने के लिए सदस्य भाषण के अधिकार का उपयोग नहीं करेंगे। जब तक चर्चा उचित रूप से रखे गए मूल प्रस्ताव पर आधारित न हो, उच्च प्राधिकार वाले व्यक्ति उनके आचरण पर आक्षेप नहीं करेंगे। अफसरों का नाम नहीं लेंगे।
बहस को प्रभावित करने के लिए राज्यपाल का नाम नहीं प्रयोग करेंगे। अध्यक्ष की अनुमति के बिना लिखित भाषण पढ़ेंगे नहीं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य-संचालन नियमावली, 1958, अभी विधानसभा की कार्यवाही चलाती है। बीते 65 वर्षों में, कई पुरानी नियमावली के प्रविधान अप्रासंगिक हो चुके हैं और कई में बदलाव की जरूरत महसूस की गई है।
राष्ट्रीय स्तर पर ई-विधान लागू होने से आनलाइन कार्यप्रणाली को भी कानून में शामिल करना अनिवार्य हो गया है। यह नई नियमावली, नियम समिति के सदस्य राम पाल वर्मा ने सदन में पेश की, इन बदलावों के साथ पुरानी नियमावली की कठिन भाषा को सरल बनाया गया है। यह नियमावली मंगलवार तक संशोधित की जा सकती है। इसके बाद सदन इस पर बहस करेगा। अगले सत्र से नियम लागू होंगे।