हर बुखार को डेंगू ना समझें, जानिए कहीं कोई नई बीमारी तो नहीं।
हर बुखार को डेंगू ना समझें, जानिए कहीं कोई नई बीमारी तो नहीं।
डेंगू के साथ-साथ वायरल बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं| ऐसे में डेंगू बुखार से बचाव को लेकर लोगों को भी जागरूक होने की आवश्यकता है। डेंगू मलेरिया या वायरल से घबराने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि लक्षण पहचान कर सही समय पर जांच और उपचार की आवश्यकता है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.आई एन तिवारी का। जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी ने कहा कि अपने घरों के आसपास-साफ सफाई रखें और पूरी बाजू के कपड़े पहनें, मच्छरों से बचाव करें। बुखार की शिकायत हो तत्काल निकटवर्ती सरकारी अस्पताल में दिखाएं। शेषधर द्विवेदी ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए घरों और आसपास अनावश्यक रूप से पानी जमा न होने दें।रखे हुए पानी की साफ-सफाई करते रहें। उन्होंने कहा कि डेंगू पर काबू पाने के लिए प्रयास तेज कर दिये गये हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा बड़े पैमाने पर एंटी लार्वा दवा का छिड़काव शुरू किया गया है।जिन गांवों में डेंगू मरीज मिले हैं, वहां पर सैंपलिंग भी कराई जा रही है।जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य कैंप लगाए गए हैं।कोल्हूखोर ब्लॉक के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ धनंजय पांडे ने बताया कि सीएचसी पर 21 सितंबर से एक नवंबर तक लगभग 4000 मरीज देखे गए हैं।
लगभग 622 बुखार के मरीजों की जांच की गयी है। इसमें कुल 44 जांच के सापेक्ष दो डेंगू, 341 के सापेक्ष दो मलेरिया, 342 के सापेक्ष 124 टाइफाईड और कुल 127 वायरल फीवर के मरीज मिले हैं। बदलते मौसम के साथ ही वायरल डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। बीते दिनों बारिश के बाद तेज धूप के कारण लोग बीमार हो रहे हैं। यह बुखार बच्चे,जवान और बुजुर्गों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। इस बुखार की चपेट में आने से सर्दी-खांसी और गले में तेज दर्द कमजोरी हो रही है। वायरल बुखार के साथ सिरदर्द, बदन दर्द और पेट से संबंधित बीमारी कि समस्या बढ़ी हैं। संज्ञान में रखना है कि स्क्रब टाईफस बीमारी के लक्षण भी डेंगू से मिलते जुलते होते हैं जो रिकेट्सिया पिस्सू कीड़े के काटने से फैलता है। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई इस्तेमाल नहीं करें और खासकर इन दिनों बुखार होने पर तो बिल्कुल भी किसी तरह की कोई दवाई अपने मन से इस्तेमाल न करें। डॉ पांडे ने बताया कि वायरस से होने वाले बुखार को वायरल फीवर कहते हैं। दिन और रात के तापमान में काफी अंतर रहने पर वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ने का डर बना रहता है। इससे शरीर की इम्युनिटी कम हो जाती है। इसके और भी कारण हो सकते हैं जैसे की खानपान में परिवर्तन, शारीरिक कमजोरी या फिर मौसम के परिवर्तन से लोग इस बीमारी से संक्रमित हो जाते हैं।
वायरल फीवर हमारे शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को बहुत कमजोर कर देता है। इस कारण यह बहुत जल्दी एक इंसान से दूसरे इंसान में पहुंच जाते है। वायरल बुखार एवं डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के लक्षण में डेंगू में बुखार के साथ हाथ-पैर में दर्द रहता है| भूख कम लगना, जी मचलाना और बार -बार उल्टी होना | डेंगू का बुखार बहुत तेज होता है और ठंड के साथ बुखार आता है। डेंगू से बचाव – मच्छरदानी का इस्तेमाल करें,अपने घर के दरवाजे और खिड़कियों को शाम होने से पहले बदं कर दें,शरीर को पूरी तरह से कवर करने वाले कपड़े पहनें,सुनिश्चित करें कि आसपास पानी इकट्ठा ना हो,पानी को ढँककर रखें. बाहरी पक्षी या पालतू जानवरों के पानी को नियमित रूप से बदलते रहें। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए,आप खुद से एस्पिरिन या आइबूप्रोफेन जैसी दवाओं का सेवन भूलकर भी ना करें।किसी को बुखार आने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं डॉक्टर की सलाह पर दवा लें।
रिपोर्टर-राकेश वर्मा