नई शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत को नई दिशा करेगी प्रदान : पीएम मोदी
कुछ दिन पहले ही शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के संबंध में देशभर के शिक्षकों से उनके सुझाव मांगे थे। सरकार को एक सप्ताह के भीतर ही 15 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं। NEP की गाइडलाइन के अंतर्गत बच्चों के स्किल्स पर ध्यान केंद्रित किया गया है, इसमें अन्वेषण, गतिविधियों और मनोरंजक तरीकों की मदद से सीखने पर जोर दिया जाएगा ।
इस दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब तक हमारे देश में अंक तथा अंकपत्र आधारित शिक्षा व्यवस्था हावी थी लेकिन अब हमें शिक्षा में आसान और नए-नए तौर-तरीकों को बढ़ाना होगा और बच्चों के लिए नए दौर के अध्ययन का मूलमंत्र होना चाहिए- भागीदारी, खोज, अनुभव, अभिव्यक्ति तथा उत्कृष्टता।
साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए स्कूली शिक्षा में होने वाले बदलावों को लेकर देशभर के शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि “हमारा काम तो अभी शुरू ही हुआ है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को समान रूप से प्रभावी ढंग से लागू करना होगा। उन्होंने कहा -नई शिक्षा नीति से नए युग के निर्माण के बीज पड़े हैं, यह 21वीं सदी के भारत को नई दिशा प्रदान करेगी”
इस पर शिक्षा मंत्रालय ने देश के स्कूलों तक शिक्षा नीति को पहुंचाने के लिए दो दिन के लिए शिक्षा पर्व सम्मेलन आयोजित किया है, जो की गुरूवार से शुरू हो चूका है । जिसमें देश भर के शिक्षक और प्राधानाचार्य वर्चुअल जुड़कर अपनी बात को रखेगे ।
NEP 2020 के E – 5 के अंदर है यह प्लान
1) उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक एकल नियामक,
2) डिग्री पाठ्यक्रमों में कई प्रवेश और निकास के विकल्प,
3) एमफिल कार्यक्रमों को बंद करना,
4) कम दांव बोर्ड परीक्षा,
5) आम प्रवेश विश्वविद्यालयों के लिए परीक्षा।