नई दिल्ली : SC ने जारी किया निर्देश, 422 महिला अफसरों को मिला परमानेंट कमीशन
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित भारतीय सेना के चयन आयोग ने स्थायी कमीशन देने के लिए 422 महिला अधिकारियों का चयन किया है। कुल 615 महिलाओं पर विचार किया गया लेकिन 68% महिला अधिकारी ही स्थायी कमीशन के लिए फिट पाई गईं। पांच सदस्यीय बोर्ड में आर्मी मेडिकल कोर की एक महिला ब्रिगेडियर शामिल थीं। चयन बोर्ड के परिणामों के अनुसार स्थायी कमीशन के लिए फिट पाई गईं 422 में से 57 महिला अधिकारियों ने स्थायी कमीशन नहीं लेने का विकल्प चुना है। इसके अलावा स्थायी कमीशन के लिए अयोग्य पाई गईं 68 महिला अधिकारियों को अब पेंशन के साथ सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। इस तरह भारतीय सेना में 297 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन मिलने का रास्ता साफ़ हो गया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2010 में सेना की उन सभी शाखाओं में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया था, जिसमें वे उस समय सेवा दे रही थीं। सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 23 फरवरी को हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में केंद्र सरकार को सेना में महिलाओं को शीर्ष पद देने के लिए तीन माह का समय दिया था। रक्षा मंत्रालय की ओर से पांच माह बाद इस बाबत 23 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी करके सेना में महिलाओं को युद्ध के सिवाय हर क्षेत्र में स्थायी कमीशन दिए जाने का रास्ता साफ कर दिया था। इसके बाद भारतीय सेना ने महिलाओं को स्थाई कमीशन देने के लिए सितम्बर में नंबर 5 चयन बोर्ड गठित कर दिया। इसकी कार्यवाही 14 से 25 सितम्बर तक आयोजित की गई।
विशेष चयन बोर्ड के परिणामों के अनुसार सेना में स्थायी कमीशन के लिए 615 महिला अधिकारियों ने आवेदन किया था, जिसमें से 422 को फिट पाया गया है। इसमें 57 महिला अधिकारियों ने स्थायी कमीशन लेने से इनकार कर दिया है। स्थायी कमीशन के लिए अयोग्य पाई गईं 68 महिला अधिकारियों को अब पेंशन के साथ सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। स्थायी कमीशन के लिए अनुशंसित नहीं की गई कुल 106 महिला अधिकारियों को पेंशन अर्जित करने के लिए 20 साल की सेवा करने और फिर सेवा से मुक्त करने की अनुमति दी जाएगी। कुल 42 महिला अधिकारियों ने खुद ही अपनी उम्मीदवारी स्थगित कर दी, क्योंकि वे अस्थायी निम्न चिकित्सा श्रेणी में हैं, इसलिए उन्हें समय दिया गया है। अपेक्षित चिकित्सा दस्तावेज न मिलने के कारण छह अधिकारियों का परिणाम रोक दिया गया है।
इसके अलावा प्रशासनिक आधार पर 40 महिला अधिकारियों का परिणाम रोका गया है। कई ऐसी कई महिला अधिकारी भी हैं, जिन्हें स्थायी कमीशन नहीं दिया गया है लेकिन उन्हें शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत शर्तों को पूरा करने के बाद निकट भविष्य में सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। जिन 297 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के लिए चुना गया है, वे इंजीनियर, सिग्नल, इंटेलिजेंस कोर, आर्मी एयर डिफेंस, आर्मी एविएशन कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स, आर्मी सर्विस कॉर्प्स और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शाखाओं में जाएंगी। इस समय सेना में कार्यरत लगभग 43 हजार अधिकारियों में से लगभग 1,653 महिला अधिकारी हैं। सेना की गैर-लड़ाकू शाखाओं में महिला अफसरों की भर्ती 1992 में शुरू हुई थी। 2008 में तत्कालीन सरकार ने जज एडवोकेट जनरल की शाखा और सेना शिक्षा कोर में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया।