Netanyahu का बड़ा खुलासा: इजरायली हवाई हमलों ने ‘ईरान के न्यूक्लियर साइट और रूसी S-300 को किया नुकसान’

Netanyahu ने अक्टूबर 2024 में किए गए इजरायली हवाई हमलों को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि इन हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के एक महत्वपूर्ण हिस्से को

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन Netanyahu ने अक्टूबर 2024 में किए गए इजरायली हवाई हमलों को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि इन हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के एक महत्वपूर्ण हिस्से को और रूस द्वारा आपूर्ति किए गए S-300 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तीन बैटरियों को निशाना बनाया। नेतन्याहू का कहना है कि इस हमले ने ईरान की रक्षा और मिसाइल उत्पादन क्षमताओं को कमजोर कर दिया है, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस हमले से ईरान का परमाणु हथियार बनाने का रास्ता पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है।

हवाई हमलों का असर और उद्देश्य

Netanyahu के मुताबिक, इजरायली वायुसेना ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला किया था, जिनमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा और तीन S-300 बैटरियां शामिल थीं। S-300, रूस द्वारा ईरान को आपूर्ति किया गया एक अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम है, जिसे विशेष रूप से हवा से जमीन पर हमलों और मिसाइलों को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। नेतन्याहू का कहना था कि इन हमलों ने ईरान के रक्षा तंत्र को नुकसान पहुँचाया है, जिससे भविष्य में ईरान के खिलाफ इजराइल के हवाई हमलों की सफलता दर बढ़ सकती है।

S-300 और ईरान की रक्षा क्षमता

रूस से मिले S-300 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को ईरान ने अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए खरीदा था। यह सिस्टम ईरान को हवाई हमलों से बचाने में मदद करता है, खासकर इजरायल और अमेरिका के हमलों से। नेतन्याहू के अनुसार, इन बैटरियों को नष्ट करने से ईरान की हवाई रक्षा को काफी नुकसान हुआ है, जिससे उसे आगामी सैन्य हमलों के खिलाफ कमजोर कर दिया गया है।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर प्रभाव

हालांकि, Netanyahu ने यह स्वीकार किया कि हवाई हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कुछ हद तक नुकसान पहुंचाया है, लेकिन उन्होंने कहा कि इस हमले ने ईरान के परमाणु हथियार बनाने के रास्ते को पूरी तरह से बंद नहीं किया है। यह बयान इस बात को रेखांकित करता है कि इजरायल का परमाणु हथियारों से संबंधित ईरान की योजनाओं को नष्ट करने का प्रयास लगातार जारी रहेगा, लेकिन यह कार्य एक हद तक ही प्रभावी रहा है।

Netanyahu वैश्विक प्रतिक्रिया और राजनीतिक प्रभाव

यह हमले और नेतन्याहू का खुलासा ईरान और इजरायल के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। रूस, जो ईरान का एक प्रमुख सहयोगी देश है, S-300 सिस्टम के साथ ईरान की रक्षा को मजबूत करने में सहायता करता है, और इजरायल द्वारा इन बैटरियों को नष्ट करने की घटना से रूस और इजरायल के रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है।

इस घटना से वैश्विक राजनीति पर भी प्रभाव पड़ सकता है, खासकर अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ इजरायल के रिश्तों में। अमेरिका, जो इजरायल का एक करीबी सहयोगी है, ईरान के साथ परमाणु समझौते को लेकर विभिन्न दृष्टिकोण रखता है, और इजरायल के इस हमले को लेकर अमेरिकी नीति में बदलाव हो सकता है।

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Netanyahu के बयान ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम और मिसाइल रक्षा पर इजरायल के रणनीतिक प्रयासों को उजागर किया है। हालांकि, इजरायल द्वारा की गई हवाई हमलों ने ईरान की रक्षा क्षमताओं और परमाणु कार्यक्रम को कुछ हद तक कमजोर किया है, लेकिन यह संघर्ष अब भी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। भविष्य में इस तरह के हमले और उनकी प्रभावशीलता को लेकर वैश्विक प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय सुरक्षा पर अधिक चर्चा होगी।

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