नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती,कायस्थ संघ अंतर्राष्ट्रीय के अध्यक्ष ने चित्र पर पुष्पांजलि की अर्पित
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर सोमवार को कायस्थ संघ अंतर्राष्ट्रीय ने एक सभा आयोजित कर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनको याद किया।
लखनऊ में मां भारती के अमर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर सोमवार को कायस्थ संघ अंतर्राष्ट्रीय ने एक सभा आयोजित कर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनको याद किया। राजधानी के हजरतगंज स्थि्त जेमिनी कांटीनेंटर होटल परिसर में आयोजित इस सभा में कायस्थ संघ अंतर्राष्ट्रीय के अध्यक्ष दिनेश खरे ने कहा कि आज हम सब आजाद हैं और आाजदी के अमृत दिवस को मना रहे हैं। लेकिन इस आजादी की कितनी कीमत हमने चुकायी है आज के युवाओं को इसका भान नहीं है। हम आजादी के गलत लाभ ले रहे हैं। श्री खरे ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में महान क्रांतिकारियों की फौज ने अंग्रेजो के छक्के छुड़ा दिये थे। सिविल सेवा की परीक्षा सिर्फ इसलिए पास की ताकि यह दिखा सकें कि भारतीयों में योग्यता की कोई कमी नहीं लेकिन उनके मन में आजादी की मशाल जल रही थी। इसीलिए उन्होंने अपना पूरा जीवन देश पर न्योछावर कर दिया। दिनेश खरे ने कहा कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा जैसा नारा गढ़ने वाले की मौत का रहस्य हम आज तक नहीं खोज सके। उनकी मौत का राज देश जानना चाहता है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे आजादी का मतलब समझें और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों ने जिस देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उस देश का मान बढ़ाने में अपना सर्वस्व योगदान दें। इस मौके पर कायस्थ संघ अंतर्राष्ट्रीय के उपाध्यक्ष संजय अस्थाना ने कहा कि यह हमारा दुर्भाग्य ही है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जिस देश की आजादी की लड़ाई के लिए खुद को समर्पित कर दिया। उनकी अस्थियां जर्मनी के टोक्यो शहर के एक बुद्ध मंदिर में रखी हुई हैं। श्री अस्थाना ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस बड़े व अग्रणी नेता थे। उनके राष्ट्रवादी दृष्टिकोण ने उन्हें भारत का नायक बना दिया। इस मौके पर न्यास के महासचिव सुधीर सिन्हा, कोषाध्यक्ष नितिन खरे समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।