नेपाल की दो बच्चियों ने इस वजह से पीएम मोदी से कर दी अपनी टीचर की शिकायत!
भारत और नेपाल के रिश्ते शुरुआत से ही मज़बूत रहे हैं और दोनो देशो के बीच मज़बूत सांस्कृतिक, राजनीतिक, आर्थिक रिश्ते कायम है। दोनों देश हर तरह से एक दूसरे की प्रगति में सहायक होते हैं। लेकिन देश की नागरिकता को लेकर भेदभाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में धार में दो बहनों को एक निजी स्कूल से इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि वे नेपाली है। बच्चियों को उन्हें स्कूल में नेपाली-नेपाली कहकर चिढाया भी जाता था, जिसकी शिकायत करने पर बच्चियों को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। बच्चियो ने अब मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है, जिसके बाद से मामले ने तूल पकड़ा और अधिकारीयों की नज़र में आया। इसके बाद स्कूल प्रबंधन मामले में अपना बचाव करता नज़र आया। स्कूल प्रबंधन अब खुद को बचाने के लिए बच्चियो के माता पिता पर अभद्र व्यहार के आरोप लगा रहा है।
धार में ऐमिनेंट पब्लिक स्कूल एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल है, जहाँ पर दो नेपाली बहने अवनिशा खड़का और अनुष्का खडका नर्सरी से ही पढती आई हैं। बच्चियों का कहना है कि स्कूल में इनके साथ अन्य बच्चे और शिक्षक अच्छा व्यवहार नही करते थे। इन्हे नेपाली-नेपाली कहकर चिढाया जाता है। जब इनके माता-पिता ने प्रिंसिपल से शिकायत की तो शिक्षको और पेरेन्ट्स के बीच बातचीत तनावपूर्ण हो गई। बात खत्न होने के कुछ दिन बाद स्कूल प्रबंधन ने दोनो बच्चियो को कूरियर से टीसी घर भेज दी। अवनिशा कक्षा 8वीं मे और अनुष्का कक्षा 5 मे पढ़ती है। अब इन दोनो बच्चियो ने परेशान होकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है। वही इनके माता पिता का कहना है कि बच्चियो के साथ नेपाली होने के कारण स्कूल मे भेदभाद किया जाता है। उन्होने जिला शिक्षा अधिकारी को इस पूरे मामले की शिकायत भी की है। शिक्षा अधिकारी मंगेश व्यास का कहना है कि कोई भी स्कूल इस तरह बच्चों को स्कूल से नहीं निकल सकता। अगर मामला भेदभाव का है तो स्कूल प्रशासन पर कार्यवाई की जाएगी।
वही इस पूरे मामले मे जब ऐमिनेंट पब्लिक स्कूल के प्राचार्य से बात की गई तो उन्होने छात्राओ के पेरेन्ट्स पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगा दिया। इस मामले के बाद उन्होने छात्राओ के दोबारा प्रवेश देने से भी इंकार कर दिया है।