Nepal Plane Crash : अभी तक नहीं मिल पाया सभी शव, कल भी होगा सर्च ऑपरेशन
अब तक 68 शव बरामद, किसी के भी बचने की संभावना नहीं। एयरपोर्ट अथॉरिटी का दावा- मौसम नहीं, तकनीकी खराबी बनी हादसे की वजह।
काठमांडू। नेपाल के पोखरा में यात्री विमान लैंडिंग से पहले रविवार को पहाड़ी से टकराने के बाद एक नदी घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। 72 सीटों वाले इस विमान में 68 यात्री और चार चालक दल के सदस्य सवार थे। अब तक 68 शवों को बरामद किया गया है, लेकिन 4 शवों का अभी भी कोई पता नहीं लग पाया है। नेपाल सरकार ने एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित करते हुए 16 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। सरकार ने जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है।
नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (एनसीएए) ने बताया कि यति एयरलाइंस के 9एन-एएनसी एटीआर-72 विमान ने सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। पोखरा इस हिमालयी देश में एक मशहूर पर्यटक स्थल है। पूर्वाह्न करीब 11.10 बजे पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते समय यह विमान पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के किनारे दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
नेपाल की एयरपोर्ट अथॉरिटी के मुताबिक़ इस 72 सीटर विमान में 68 यात्री और चार क्रू मेंबर्स सवार थे।यात्रियों में 53 नेपाली, 5 भारतीय, 4 रूसी, एक आयरिश, 2 कोरियाई, 1 अर्जेंटीना और दो फ्रांसीसी नागरिक सवार थे। येति एयरलाइंस की ओर से जारी यात्रियों की लिस्ट के मुताबिक कुल 68 यात्रियों में 6 बच्चे भी शामिल हैं। दुर्घटनास्थल से अबतक 68 शव बरामद किए गए हैं। 4 शवों का अभी भी कोई पता नहीं लग पाया है।
भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया कि विमान में पांच भारतीय सवार थे। येति एयरलाइंस की ओर से जारी सूची के मुताबिक विमान में सवार पांच भारतीयों की पहचान अभिषेक कुशवाहा, विशाल शर्मा, अनिल कुमार राजभर, सोनू जायसवाल और संजना जायसवाल के रूप में हुई है। भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया कि दूतावास स्थानीय प्राधिकारियों के संपर्क में है और स्थिति पर नजर रख रहा है। कास्की जिले के मुख्य जिला अधिकारी टेक बहादुर केसी के अनुसार विमान सेती नदी घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हुआ और अभी बचाव अभियान चल रहा है।
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने दुर्घटना के बाद मंत्री परिषद की आपात बैठक बुलाई। रविवार दोपहर को हुई बैठक में विमान दुर्घटना में यात्रियों की मौत पर शोक के रूप में 16 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का फैसला किया गया। प्रचंड ने गृह मंत्रालय, सुरक्षाकर्मियों तथा सभी सरकारी एजेंसियों को तत्काल बचाव एवं राहत अभियान चलाने का निर्देश दिया है। सरकार ने दुर्घटना की जांच करने के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित करने की घोषणा की है।
विमान दुर्घटना के बाद पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बंद कर दिया गया। हादसे के तुंरत बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया। पोखरा में विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मौके पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। भीड़ के कारण बचाव अभियान में दिक्कत आई और एम्बुलेंस तथा दमकल की गाड़ियों को वहां पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
नेपाल का अचानक बदलते मौसम और दुर्गम स्थानों पर बनी हवाई पट्टियों के कारण विमान दुर्घटनाओं का बेहद खराब रिकॉर्ड रहा है। देश में पिछली बड़ी विमान दुर्घटना पिछले साल 29 मई को हुई थी, जब तारा एयर का एक विमान पर्वतीय मुस्तांग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें एक भारतीय परिवार के चार सदस्यों समेत सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी।