पंजाब कांग्रेस में कलह जारी:सिद्धू अब चन्नी सरकार पर भड़के,
कहा- DGP और AG को तुरंत हटाएं वर्ना मुंह नहीं दिखा पाएंगे
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य की नई चन्नी सरकार पर फिर हमला किया है। इस बार भी सिद्धू के टारगेट पर DGP इकबालप्रीत सहोता और एडवोकेट जनरल (AG) एपीएस देयोल ही हैं। सिद्धू ने कहा कि इनकी नियुक्ति कर पंजाब सरकार ने नशा और बेअदबी केस के पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़का है।
सिद्धू ने कहा कि इन दोनों को हर हाल में बदलना होगा वर्ना हम पंजाब के लोगों को मुंह नहीं दिखा पाएंगे। सिद्धू लगातार इन दोनों अफसरों को हटाने पर अड़े हैं। सिद्धू ने इनकी नियुक्ति के बाद ही इस्तीफा दे दिया है।
ड्रग और बेअदबी पर कार्रवाई न करने पर हटाए गए अमरिंदर
नवजोत सिद्धू ने कहा कि बेअदबी के केस में इंसाफ और ड्रग तस्करी में मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर ही 2017 में पंजाब की सरकार बनी थी। इस मामले में सरकार फेल रही। जिस वजह से पिछले सीएम (कैप्टन अमरिंदर सिंह) को हटा दिया गया। सिद्धू साफ कह रहे हैं कि नई सरकार में भी इसी तरह के काम होने लगे हैं।
नाराजगी नहीं छोड़ रहे सिद्धू
नवजोत सिद्धू अभी तक सरकार से नाराज हैं। सिद्धू को मनाने के लिए CM चरणजीत चन्नी ने 3 दिन पहले पंजाब भवन में बैठक भी की थी। यहां सहमति का फॉर्मूला निकाला गया था। इसमें कहा गया कि वो UPSC को 10 वरिष्ठ अफसरों के नाम भेज रहे हैं। इनमें से जो भी 3 अफसरों का पैनल आएगा, उसमें से डीजीपी बना दिया जाएगा। हालांकि उसमें भी सहोता का नाम है।
वहीं, एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल से बेअदबी के केस वापस ले लिए गए। आगे के लिए यह तय किया गया कि बड़े फैसले लेने के लिए कमेटी बनेगी। इसमें नवजोत सिद्धू, CM चरणजीत चन्नी और हाईकमान से जनरल सेक्रेटरी या पंजाब इंचार्ज मेंबर होंगे। हालांकि, सिद्धू अभी डीजीपी और एजी को हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
सिद्धू ने कल भी दिखाए थे तेवर
सिद्धू ने शनिवार को भी तीखे तेवर दिखाए थे। उन्होंने कहा कि पद रहे या न रहे, लेकिन वो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ खड़े रहेंगे। माना जा रहा है कि अभी तक कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धू के फैसले पर निर्णय नहीं लिया है। इसको लेकर भी सिद्धू की नाराजगी बरकरार है। इस्तीफा हाईकमान नामंजूर करेगा तो ही सिद्धू के वापस चार्ज लेने के संकेत दिए जा रहे हैं। सिद्धू अगर खुद इस्तीफा वापस लेते हैं तो फिर उन्हें डर है कि कहीं वो उनकी सियासी साख में कमी न आ जाए।