इस दिन से चलेगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान

उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद में 21 फरवरी से शुरू होने जा रहे राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान की तैयारियों को लेकर गुरूवार को एक वेबीनार का आयोजन किया गया।
वेबिनार में ब्लॉक के सभी चिकित्सा अधीक्षक, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, बीपीएम, बीसीपीएम मौजूद रहे। वेबिनार में डीईआईसी मैनेजर डॉ॰ रामबाबू ने पीपीटी के माध्यम से अभियान के बारें में विस्तृत रूप से जानकारी दी और कार्यक्रम को सफल बनाने पर चर्चा की गई। अभियान के नोडल अधिकारी डॉ॰ राजकिशोर ने बताया कि 21 फरवरी से 2 मार्च तक यह अभियान चलाया जाना है, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा के माध्यम से घर – घर भ्रमण करके पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलायी जानी है।
कार्यक्रम के अंतर्गत एक साल से लेकर 19 साल तक के 7.88 लाख बालक-बालिकाओं को कृमि से मुक्ति के लिए एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई जाएगी। कृमि (पेट के कीड़े) का असर सीधा सेहत पर पड़ता है और बच्चे एनीमिया का शिकार हो जाते हैं। किस उम्र में यह बीमारी बालक- बालिकाओं को घेर ले कहा नहीं जा सकता है। पेट में कीड़े होने की दशा में बालक-बालिकाओं का विकास बुरी तरह से प्रभावित होता है। कई प्रकार के पेट के रोग भी उत्पन्न हो जाते है। एल्बेंडाजॉल की दवा खाने से पेट के कीड़ों से मुक्ति मिल जाती है।
नोडल अधिकारी ने निर्देश दिये कि इस अभियान में सभी लक्षित बच्चों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाए।
डॉ॰ रामबाबू ने बताया कि 1 से 2 साल तक के बालक-बालिकाओं को एल्बेंडाजॉल की आधी गोली चूरा बनाकर दी जाएगी। 2 साल से 3 साल तक के बच्चों को एक गोली का चूरा दिया जाएगा। जबकि इसके ऊपर के समस्त बालक-बालिकाओं को एक गोली दी जाएगी, जो उन्हें चबाकर खानी होगी। गोली मौके पर ही खिलाई जाएगी।
मीटिंग का संचालन जिला कार्यक्रम प्रक्रिया प्रबन्धक प्रशांत वर्मा ने किया।

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