संबित पात्रा का प्रियंका-राहुल गांधी पर हमला, कहा- क्या दलित को जीने का अधिकार नहीं है?
नेशनल डेस्क: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि कांग्रेस वोट की खातिर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को सियासी रंग देने की कोशिश कर रही है जबकि कांग्रेस शासित राजस्थान में दलितों पर हो रहे अत्याचारों पर वह खामोश है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कुछ देर पहले हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 28वें स्थापना दिवस पर सुना है। प्रधानमंत्री ने बड़ी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ पूरे विषय को रखने का काम किया।
उन्होंने कहा है कि मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है, राजनीतिक चश्मे से देखा जाता है, राजनीतिक नफा-नुकसान के तराजू से तौला जाता है। इस तरह का व्यवहार, लोकतंत्र के लिए भी उतना ही नुकसानदायक होता है।” उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में जो हुआ है, वो दु:खद है और उस पूरे विषय की निष्पक्ष जांच चल रही है लेकिन जिस प्रकार की राजनीति कुछ विपक्षी दल कर रहे हैं और वोट की खेती करने का प्रयास कर रहे हैं, वह भी दु:खद है।
पात्रा ने कहा, ‘कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी खुद को दलित मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन राजस्थान में मानवाधिकार का हनन गांधी परिवार को नजर नहीं आता है। राजस्थान के प्रेमपुरा गांव में कुछ दिन पहले एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। उसके बाद उसके मृत शरीर को उसके घर के सामने फेंक दिया गया। लेकिन गांधी, वाड्रा, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव या बंगाल का कोई नेता वहां नहीं पहुंचा। इस घटना का वीडियो भी बनाया गया। यहां दलितों के समर्थन में किसी ने आवाज नहीं उठाई। क्या दलित को जीने का अधिकार नहीं है।’
उन्होंने कहा कि राजस्थान का प्रशासन दलित उत्पीड़न पर चुप क्यों है। राजस्थान की घटना की चर्चा तक नहीं की जाती है। कोई इस पर प्रतिक्रिया नहीं देता है। गांधी का ट्वीट भी इन घटनाओं पर नहीं आता है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि झारखंड और महाराष्ट्र में कांग्रेस के समर्थन से सरकार चल रही है। इन राज्यों में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार कांग्रेस को नहीं नजर आ रहे हैं। वहां भी सब चुप बैठ जाते हैं। कांग्रेस दूसरे राज्यों में जाकर मानवाधिकार की बात करती हैं। वाड्रा तो महिला हैं, उन्हें महिलाओं का दर्द समझना चाहिए।