आजमगढ़ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ के तत्वाधान मे आज जनपद न्यायालय परिसर आजमगढ़ मे राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन
आजमगढ़ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ के तत्वाधान मे आज जनपद न्यायालय परिसर आजमगढ़ मे राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन
आजमगढ़ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ के तत्वाधान मे आज जनपद न्यायालय परिसर आजमगढ़ मे राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन मा0 जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ श्री जितेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में माँ सरस्वती के प्रतिमा के समक्ष दीपार्चन एवं पुष्पार्चन करके नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत श्री ओम प्रकाश वर्मा-III, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आजमगढ़ सुश्री अनीता की देख-रेख में किया गया। इस अवसर पर सभी सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण व उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्चन किया। मा0 जनपद न्यायाधीश ने लोक अदालत की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह एक ऐसा माध्यम है जिसमें किसी पक्ष की हार नहीं होती और सिविल मामलों में कोर्ट फीस भी सम्बन्धित पक्ष को वापस हो जाती है। माननीय जनपद न्यायाधीश/ अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आजमगढ द्वारा कुल 04 वादों का निस्तारण किया गया। श्री अशोक कुमार-VII, प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय द्वारा 33 वादों का, श्रीमती पारूल अत्री, अपर प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय संख्या-02 द्वारा 22 वादों का एवं श्री शेषबहादुर अपर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय संख्या -01 द्वारा 50 वादों सहित कुल 105 वादों का पारिवारिक न्यायालय द्वारा निस्तारण किया गया। न्यायालय मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण से कुल 68 वादों का निस्तारण किया गया। श्री बीडी भारती, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा 01 वादों का, श्री सतीश चन्द्र द्विवेदी, विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) एक्ट द्वारा कुल 05 वादों का, श्री ओमप्रकाश वर्मा– तृतीय, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत द्वारा कुल 01 वादों का, श्री राम नरायन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश, ईसी एक्ट द्वारा कुल 31 वादों का, श्री रवीश कुमार अत्री अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश , पाक्सो एक्ट द्वारा कुल 5 वादों का, श्री सौरभ सक्सेना, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा कुल 03 वादों का निस्तारण किया गया। पारिवारिक न्यायालय द्वारा अलग रह रहे दम्पत्तियों के वादों का निस्तारण कराकर उनको एक साथ रहने का तथा दम्पत्तियों को आशीर्वाद देकर व माला पहनाकर विदा किया गया। मुख्य न्यायिक गजिस्ट्रेट द्वारा कुल 688 वादों का निस्तारण किया गया तथा 224500 रू0 की धनराशि का अर्थदण्ड आरोपित किया गया। इसके साथ ही राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न बैंकों तथा बी.एस.एन.एल. द्वारा भी स्टाल लगाकर प्री लिटिगेशन के 1074 वादों का तथा जिला प्रशासन द्वारा प्री लिटिगेशन स्तर पर 44893 वादों का निस्तारण किया गया। इस प्रकार इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 83653 वादों में से 51288 वादों का निस्तारण किया गया।