राष्ट्रीय शिक्षा नीति उद्योग और शिक्षा के गैप को कम करेगी: डॉ निशंक
नई दिल्ली, 18 दिसंबर। सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एसवीएनआईटी) के 18वें दीक्षांत समारोह को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से सभी को बताया और कहा कि यह नीति अनुसंधान की संस्कृति को बढ़ावा देकर उद्योग और शिक्षा के बीच के गैप को कम करने पर जोर देती है और ऐसे में संस्थान द्वारा नई शिक्षा नीति के साथ कदम मिलाते हुए शोध एवं अनुसंधान की दिशा में विशेष प्रयास करना अत्यंत सराहनीय है.
सूरत के न्यू गेस्ट हाउस के कन्वेंशन हॉल में आयोजित किए गए दीक्षांत समारोह में लार्सन एंड टुब्रो के हैवी इंजीनियरिंग, आईसी बिज़नेस के सीईओ और वर्तमान उपाध्यक्ष एवं सलाहकार श्री वाई. एस. त्रिवेदी, एसवीएनआईटी, सूरत के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स के अध्यक्ष एवं निदेशक प्रो एस आर गाँधी, उपनिदेशक प्रो पी एल पटेल, दीक्षांत समारोह के कोर कमेटी के अध्यक्ष प्रो ज्योतिर्मय बनर्जी, संस्थान के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स के सदस्य, सीनेट के सदस्य, रजिस्ट्रार, डीन, विभागाध्यक्ष, फैकल्टी के सदस्य, अभिभावक, छात्र इत्यादि भी उपस्थित थे.
इस अवसर पर कुल 1180 स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट विद्यार्थियों को उनकी डिग्रियां प्रदान की गईं. इसके अलावा स्नातक, स्नातकोत्तर के विभिन्न कोर्सेज में सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को कुल 26 गोल्ड मैडल प्रदान किए गए.
एसवीएनआईटी की प्रशंसा करते हुए माननीय मंत्री जी ने कहा, “मुझे खुशी है कि इस संस्थान का नाम सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर रखा गया है और उनकी परिकल्पना के अनुसार, यह संस्थान भारत के सभी राज्यों के विद्यार्थियों को प्रवेश देकर उनके एक भारत के सपने को पूरा कर रहा है. मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसे संस्थान से पढ़कर निकलने के बाद छात्र सरदार पटेल के जीवन से प्रेरणा लेते हुए राष्ट्र के प्रति समर्पण, जीवन मूल्य, विजन और लीडरशिप जैसे गुणों को धारण कर व्यवहारिक और सार्वजनिक जीवन में भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे.”
संस्थान के छात्रों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए डॉ निशंक ने कहा कि इस संस्थान के छात्रों ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, खेल प्रशासन, ज्ञान-विज्ञान जैसे क्षेत्रों में विशिष्ट प्रदर्शन किया है और साथ ही में राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) में भी अपनी रैंक में लगातार सुधार किया है. पिछले तीन वर्षों में, संस्थान की एनआईआरएफ रैंकिंग 2018 में 61 से बढ़कर 2019 में 58 और 2020 की हालिया रैंकिंग में 54 हो गई है.
इसक अलावा केंद्रीय मंत्री ने संस्थान द्वारा किए गए अन्य कार्यों और कोरोना महामारी के संकट के समय में किए गए कार्यों की भी प्रशंसा की.
डॉ निशंक ने अपने संबोधन में सभी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि इस ग्लोबल वर्ल्ड में ग्लोबल माइंडसेट के साथ हमारी यह नीति इंडियन, इंटरनेशनल, इंपैक्टफुल, इंटरएक्टिव, इनोवेटिव एवं इंक्लूसिविटी के तत्वों को एक साथ समाहित करती है.
उन्होनें कहा, “नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में एसवीएनआईटी जैसे संस्थानों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. मुझे यह जानकर खुशी हुई कि एसवीएनआईटी सूरत ने हाल ही में अपने पाठ्यक्रम को संशोधित किया है, जिसमें बीटेक (माइनर), बीटेक (ऑनर्स) की डिग्री तथा सर्वांगीण विकास एवं मानव मूल्यों पर आधारित पाठ्यक्रमों की नई शुरुआत की गई है. संस्थान सेंटर फॉर इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च (CIDR) की स्थापना करने की प्रक्रिया में है. संस्थान के इन सभी नए कदमों से निश्चित रूप से भारत सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी और छात्रों को बहु-विषयक अनुसंधान तथा उनके रूचि के क्षेत्र में कौशल विकसित करने की राह भी आसान हो सकेगी.”