Prayagraj News: प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर सामूहिक तौर पर पढ़ी गई नमाज, देखती रही रेलवे पुलिस, जानें- पूरा मामला

Prayagraj News: प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर सामूहिक तौर पर पढ़ी गई नमाज, देखती रही रेलवे पुलिस, जानें- पूरा मामला

 

Prayagraj News: प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर सामूहिक तौर पर पढ़ी गई नमाज, देखती रही रेलवे पुलिस, जानें- पूरा मामला

UP News: रेलवे पुलिस ने इन लोगों को एक बार भी नमाज पढ़ने से रोकने की कोशिश नहीं की. रेलवे पुलिस नमाजियों को रोकने के बजाय मीडिया कर्मियों से ही उलझती और उन्हें टोकती रही.

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में लखनऊ (Lucknow) के लुलू माल में नमाज पढ़ने का विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ कि अब संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में रेलवे स्टेशन पर सामूहिक तौर पर नमाज पढ़े जाने का मामला सामने आया है. प्रयागराज के जंक्शन रेलवे स्टेशन (Prayagraj railway station)पर स्लीपर क्लास के यात्रियों के लिए बनाए गए वेटिंग रूम में दर्जनों लोगों ने गुरुवार को एक नहीं बल्कि तीन-तीन बार सामूहिक तौर पर नमाज अदा की. हैरत की बात यह है कि नमाज पढ़ने वाले लोग रेलवे पुलिस (Railway police) की हिरासत में थे और पुलिस की कस्टडी में ही उन्होंने नमाज अदा की.
रेलवे पुलिस ने रोका भी नहीं
रेलवे पुलिस ने इन लोगों को एक बार भी नमाज पढ़ने से रोकने की कोशिश नहीं की. शाम को जब मीडिया के लोग रेलवे स्टेशन की सार्वजनिक जगह पर सामूहिक तौर पर नमाज अदा किये जाने की कवरेज करने लगे तो रेलवे पुलिस हरकत में आई. हालांकि रेलवे पुलिस नमाजियों को रोकने के बजाय मीडिया कर्मियों से ही उलझती और उन्हें टोकती रही. मीडिया के कैमरों पर रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में सामूहिक नमाज अदा किये जाने की तस्वीरें कैद होने के बाद हड़कंप मच गया. रेलवे पुलिस ने आनन फानन में वेटिंग रूम में बैठे मुसाफिरों को बाहर करके गेट पर पहरा बिठा दिया और किसी के भी अंदर जाने पर रोक लगा दी.
आरोपियों ने कहा ली थी इजाजत
दूसरी तरफ नमाज पढ़ाने वाले मौलाना का कहना था कि रेलवे पुलिस ने उन्हें बेवजह रोक रखा है. उन्हें वेटिंग रूम से बाहर जाने की इजाजात नहीं है. ऐसे में वक्त होने पर उनके सामने इसी जगह नमाज अदा किये जाने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं था. नमाज पढ़ने के आरोपियों की दलील थी कि उन्होंने नमाज पढ़ने के लिए रेलवे पुलिस से इजाजत भी ली थी. बहरहाल रेल महकमे या फिर रेलवे पुलिस से जुड़ा कोई भी जिम्मेदार शख्स इस बारे में आधिकारिक तौर पर बयान देने को तैयार नहीं है.

3 दर्जन बच्चों को ले जा रहे थे फतेहपुर
दरअसल प्रयागराज में सीडब्लूसी यानी चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सूचना मिली कि बिहार के तकरीबन तीन दर्जन बच्चों को मजदूरी कराने या फिर किसी दूसरे गलत इरादे से फतेहपुर ले जाया जा रहा है. इस सूचना पर सीडब्लूसी ने रेलवे पुलिस की मदद से सुबह करीब दस बजे ही महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से इन बच्चों और इन्हें ले जाने वाले लोगों को प्रयागराज जंक्शन पर उतार लिया. जंक्शन पर इन सभी को प्लेटफार्म नंबर एक पर बने स्लीपर क्लास के वेटिंग रूम में रखा गया. पूछताछ में पता चला कि जिन बच्चों को ले जाया जा रहा था, उनमे से इक्कीस नाबालिग हैं.

बच्चों को शेल्टर होम में रखने का आदेश
इनमें से दस से सोलह साल के पंद्रह बच्चों को फतेहपुर के एक मदरसे में पढ़ाने के लिए ले जाने की बात कही गई. आरोप है कि मदरसे में पढ़ने के बारे में न तो बच्चे कोई जानकारी दे सके और न ही उन्हें साथ ले जाने वाले लोग. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने इक्कीस नाबालिग बच्चों को प्रयागराज के शेल्टर होम में रखे जाने का आदेश दिया. कहा गया कि परिवार वालों के आने पर ही इन बच्चों को उनके सुपुर्द किया जाएगा.

सामूहिक तौर पर शुरू हुई नमाज
शाम करीब साढ़े सात बजे चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की सूचना पर मीडिया के लोग रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में पहुंचे तो थोड़ी देर में ही वहां सामूहिक तौर पर नमाज शुरू हो गई. इससे वहां हड़कंप मच गया. नमाज बच्चों को ले जाने वाला अब्दुल रब नाम का मौलाना पढ़ा रहा था, जबकि उसके पीछे दर्जन भर से ज्यादा छोटे बच्चे नमाज पढ़ रहे थे. मौलाना अब्दुल रब ने बताया कि शाम साढ़े सात बजे के करीब उन लोगों ने मगरिब की नमाज अदा की, जबकि इससे पहले दोपहर को जोहर और शाम को असर की नमाज भी पढ़ चुके हैं.

नमाज पढ़ाने वाले मौलाना ने क्या कहा
अब्दुल रब खुद को उसी मदरसे का टीचर भी बता रहा था, जहां बच्चों को ले जाने का दावा किया जा रहा था. हालांकि अब्दुल रब का कहना था कि रेलवे पुलिस उन लोगों को गलत तरीके से बेवजह हिरासत में लिए हुए है. ऐसे में उन लोगों ने मजबूरी में यहां नमाज पढ़ी है. नमाज़ पढ़े जाने तक रेलवे पुलिस ने इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया था. नमाज़ पढ़े जाने का विवाद शुरू होने पर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की टीम रेलवे स्टेशन परिसर से गायब हो गई. इस मामले में अब रेलवे के जवाब का इंतजार है

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