Nagpur डबल मर्डर केस: बेटे ने की माता-पिता की निर्मम हत्या
Nagpur ; हत्या के बाद उत्कर्ष ने अपनी बहन को कॉलेज से लौटते वक्त रास्ते से लिया और उसे बताया कि माता-पिता 10 दिन के लिए बेंगलुरु के मेडिटेशन कैंप गए हैं।
Nagpur के न्यू खसाला इलाके में 26 दिसंबर को हुई एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। इस वारदात में 21 वर्षीय उत्कर्ष ढकोले ने अपने माता-पिता की बेरहमी से हत्या कर दी। इस क्रूरता की वजह पारिवारिक विवाद और बेटे की असफलता से उपजा आक्रोश बताया जा रहा है।
Nagpur हत्या के पीछे की वजह
शैक्षणिक दबाव और पारिवारिक विवाद
उत्कर्ष, जो इंजीनियरिंग का छात्र था, तीन बार फिजिक्स की परीक्षा में फेल हो चुका था। इससे नाराज पिता लीलाधर ने उसे ITI करने और गांव लौटकर खेती में मदद करने को कहा। उन्होंने 25 दिसंबर को बेटे को थप्पड़ भी मारा था। माँ अरुणा, जो शिक्षिका थीं, ने भी बेटे को बार-बार इंजीनियरिंग छोड़ने की सलाह दी थी। इन बातों से खफा होकर उत्कर्ष ने इस निर्मम कांड को अंजाम दिया।
वारदात का दिन: माता-पिता की हत्या
मां की हत्या
26 दिसंबर को जब घर में सिर्फ उत्कर्ष और उसकी मां अरुणा मौजूद थे, तो उत्कर्ष ने मां की हत्या कर दी। उसने उनकी हत्या चाकू से की और शव को बेडरूम के बिस्तर पर छोड़ दिया। हत्या के बाद वह शव के पास बैठा रहा और इंतजार करता रहा कि उसके पिता घर लौटें।
पिता की हत्या
कुछ घंटों बाद जब लीलाधर अंतिम संस्कार से घर लौटे, तो उत्कर्ष ने उन पर भी हमला कर दिया। बाथरूम में दाखिल होते समय लीलाधर पर चाकू से वार किया गया। खून से लथपथ पिता ने बेटे से शांति बनाए रखने और मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन उत्कर्ष ने बताया कि वह पहले ही मां को मार चुका है।
जब पिता ने उसे फिर से इंजीनियरिंग छोड़ने के लिए कहा, तो गुस्से में उत्कर्ष ने उन पर लगातार वार कर उनकी भी हत्या कर दी।
बहन को झूठ और फर्जी सुसाइड नोट
बहन से झूठ बोलना
Nagpur ; हत्या के बाद उत्कर्ष ने अपनी बहन को कॉलेज से लौटते वक्त रास्ते से लिया और उसे बताया कि माता-पिता 10 दिन के लिए बेंगलुरु के मेडिटेशन कैंप गए हैं। वह बहन को लेकर बैलवाड़ा गांव चला गया।
फर्जी सुसाइड नोट
हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए उत्कर्ष ने पिता के नाम से एक फर्जी सुसाइड नोट लिखा और उसे उनके फोन का वॉलपेपर बना दिया।
हत्या का खुलासा
शव की बदबू से हुआ संदेह
गुरुवार को पड़ोसियों ने घर से दुर्गंध आने की शिकायत की। जब पड़ोसियों ने उत्कर्ष से संपर्क किया और दरवाजा तोड़ा, तो उन्होंने ड्राइंग रूम में लीलाधर और बेडरूम में अरुणा के शव पाए। शव सड़ने की स्थिति में थे।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने हत्या के सबूत जुटाए और उत्कर्ष को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उसने अपराध कबूल कर लिया।
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Nagpur घटना न केवल परिवारिक विवादों की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि शैक्षणिक दबाव और संवाद की कमी कैसे हिंसक परिणाम ला सकती है। यह वारदात एक चेतावनी है कि पारिवारिक मसलों को सुलझाने के लिए संवेदनशीलता और समझदारी की आवश्यकता है।