राहुल गांधी के तर्ज पर मुंबई में शुरू हुई यात्रा, शिवसेना समेत कई अन्य पार्टियां हुईं शामिल, जाने पूरा मामला!

मुंबई कांग्रेस  की तरफ से गांधी जयंती के अवसर पर 'नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो यात्रा' की शुरुआत की गई है. मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान से इस यात्रा की शुरुआत की

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा शुरू किए गए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) के तर्ज पर मुंबई कांग्रेस  की तरफ से गांधी जयंती के अवसर पर ‘नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत की गई है. मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान से इस यात्रा की शुरुआत की गई है.

 

 

मंत्रालय के सामने बने महात्मा गांधी के प्रतिमा पर पहुंचकर यात्रा को खत्म किया गया. मुंबई कांग्रेस की तरफ से आयोजित इस यात्रा में बीजेपी, आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम के नेताओं को छोड़ समाजवादी पार्टी, एनसीपी, सीपीआई, उद्धव गुट से शिवसेना सांसद अरविंद सावंत के साथ-साथ महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी भी शामिल रहे.

पूरी यात्रा के दौरान गौर करने वाली बात ये रही कि, मुंबई कांग्रेस एक तरफ विपक्षी एकता का नारा देती रही लेकिन यात्रा में महा विकास आघाड़ी सरकार के समय घटक दल के रूप में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता दूर-दूर तक इस यात्रा में दिखाई नहीं दिए. यात्रा में शामिल होने के नाम पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से महज 100-150 कार्यकर्ता दिखाई पड़े.

 

 

समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आजमी यात्रा में हुए शामिल

 

 

मुंबई कांग्रेस द्वारा आयोजित “नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो यात्रा में विपक्षी पार्टी के तौर पर अगर किसी पार्टी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तो समाजवादी पार्टी रही. समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आजमी अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ यात्रा में हिस्सा लेने पहुंचे. राज्य और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की बीजेपी की सरकार हिंदू और मुस्लिम के बीच दीवार खड़ा करना चाहती है. दोनों कौमो के लोगों के बीच नफरत फैलाना चाहती है इसलिए मुंबई कांग्रेस के इस यात्रा में शामिल होकर हम यह संदेश देना चाहते हैं कि बीजेपी के खिलाफ विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं और संविधान की भावना को खंडित करने का प्रयास किया जाएगा. तब-तब हम साथ आते रहेंगे.

 

 

बाला साहब ठाकरे के पुतले पर पहुंचकर दिग्विजय सिंह ने उन्हें नमन किया

 

 

शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे जब तक जीवित रहे तब-तक कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस नेताओं और उनके द्वारा बनाए गए नीतियों का विरोध करते रहे लेकिन बदलते वक्त के साथ कांग्रेस महाराष्ट्र में बाला साहब की शिवसेना के साथ सत्ता में शामिल हुई और उद्धव गुट की शिवसेना और कांग्रेस की बीच में दोस्ती बढ़ी. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, नफ़रत छोड़ो, भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने मुंबई पहुंचे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह गांधी के प्रतिमा से पहले बालासाहेब ठाकरे के पुतले पर पहुंचकर उन्हें याद करते हुए दिखाई दिए.

 

 

एकता का संदेश देते हुए बीएमसी चुनाव पर ध्यान केंद्रित करना चाहती मुंबई कांग्रेस

 

 

मुंबई कांग्रेस द्वारा भले ही ये कहा जा रहा हो कि यात्रा महज एकता और भाईचारा का संदेश देने के लिए निकाली गई है लेकिन इस यात्रा के जरिए मुंबई कांग्रेस शक्ति प्रदर्शन करते हुए, विपक्षी एकता का नारा देते हुए, आने वाले दिनों में होने वाले बीएमसी चुनाव में वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रही है.

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