मुजफ्फरनगर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहर को एक बड़ी सौगात दी , कार्यक्रम में छलका का दर्द
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद मुजफ्फरनगर को एक बड़ी सौगात दी है जिसमें उन्होंने मुजफ्फरनगर को पहला राजकीय डिग्री कॉलेज दिया है और यह राजकीय डिग्री कॉलेज केंद्रीय मंत्री व मुजफ्फरनगर से सांसद संजीव बालियान के संसदीय क्षेत्र में बुढाना से भाजपा विधायक उमेश मलिक के विधानसभा क्षेत्र के कस्बा शाहपुर में बनेगा जिसका शुक्रवार को शिलान्यास किया गया है।
शिलान्यास अवसर पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान व उत्तर प्रदेश सरकार में राजस्व एवं बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री विजय कश्यप के साथ-साथ बुढाना विधायक उमेश मलिक का खतौली से विधायक विक्रम सैनी सहित भाजपा केकई पदाधिकारी व हजारों क्षेत्र के लोग मौजूद रहे जिसमें सभी जनप्रतिनिधियों ने विधि विधान के साथ भूमि पूजन किया और उसके बाद डिग्री कॉलेज का शिलान्यास किया।
इसके बाद भीड़ को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने जनपद मुजफ्फरनगर में खुद के द्वारा कराए गए विकास कार्य गिनाए जिसमें रेलवे के दोहरीकरण में विद्युतीकरण से लेकर 2- 2 राष्ट्रीय राजमार्ग व स्टेट हाईवे बनवाने की याद दिलाई और फिर जनपद में 8 करोड की लागत से बनने वाले पहला राजकीय डिग्री कॉलेज को लेकर खुशी जताई।
उन्होंने बताया कि राजकीय डिग्री कॉलेज के लिए जमीन पास में ही राष्ट्रीय इंटर कॉलेज के प्रबंधक कमेटी द्वारा उपलब्ध कराई गई और कॉलेज के निर्माण में बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक के सहयोग पर धन्यवाद दिया उसी समय भीड़ से एक किसान द्वारा गन्ने के भुगतान को लेकर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान का दर्द छलक उठा उन्होंने कहा कि तीन कृषि बिल के विरोध में देशभर में किसानों में चर्चा है। धरना प्रदर्शन चल रहा है मगर यह बिल किसानों के हित में है।
लेकिन वहीँ न वह किसानों को गलत ठहरा सकते और ना ही सरकार को क्योंकि वह सरकार का हिस्सा है उन्होंने कहा कि किसानों ने मुझे सांसद बनाया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्री बनाया है वे चाहते हैं कि किसानों और सरकार के बीच कोई बीच का रास्ता निकल आए जिससे किसानों को लाभ हो उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गन्ने के दाम बढ़ाने में भुगतान को लेकर कई बार चिट्ठी लिख चुका है मगर अभी तक कोई रिस्पांस नहीं मिला है वह कल फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करेंगे और गन्ने के दाम बढ़ाने को लेकर उनसे कहेंगे कि जिस तरह कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है उसी हिसाब से कम से कम किसानों का भी फसल का दाम बढ़ाया जाए।