कांग्रेस में आपसी तकरार! क्या गिर जाएगी कमलनाथ सरकार
इन दिनों मध्य प्रदेश में सियासी उठापटक अपने ज़ोरो पर है, सूत्रों की माने तो कांग्रेस के नाराज (Mutual disputes in Congress) विधायक बीजेपी में जाने की तैयारी कर रहे हैं
कांग्रेस के आरोप के मुताबिक जिन 6 लोगो को गुरुग्राम के रिसोर्ट में जबरन बंधक बना के रखा गया था उन में से तीन निर्दलिये विधायको ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया, तीनों विधायको ने मीडिया के सामने अपनी बात रखते हुए बोला की किसी ने भी उन्हें जबरन बंधक नहीं बनाया था वो अपनी मर्जी से दिल्ली में थे, आगे विधायको ने बोला की कांग्रेस के ऐसे बयान से उनकी छवि ख़राब हुई है
दिग्विजय बुजुर्ग हो गए, इसलिए गलत बयान दे रहे: बसपा-सपा विधायक
सपा विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि दिग्विजय बुजुर्ग हो गए हैं, इसलिए ऐसे बयान दे रहे हैं। हमनें बुधवार को मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री से भी अपने मंत्रियों को अर्नगल बयान देने से मना करने को कहा था। इससे उनकी छवि खराब हो रही है। बसपा विधायक रामबाई और संजीव सिंह कुशवाह ने कहा कि कोई खरीद-फरोख्त नहीं हुई है। हम पर आरोप लगाने वाले मंत्रियों को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगना चाहिए। वही बसप विधायक रामबाई ने बोला की मेरे साथ जबरदस्ती करने वाला पैदा नहीं हुआ रामबाई ने मीडिया को बताया की उनकी एक सप्ताह पहले से ही फ्लाइट की टिकट बुक थी, एयरपोर्ट पर पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह मिलना एक संयोग था। आपको बता दे की दिग्विजय सिंह ने गुड़गांव में विधायकों की खरीद-फरोख्त, बंधक बनाने और मारपीट किए जाने के आरोप लगाए थे।
किसे नहीं होती मंत्री बनने की चाह: रामबाई सिंह
राम बाई ने कहा कि ऐसा कौन होगा जो मंत्री नहीं बनना चाहता। वह भी चाहती हैं। बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस को समर्थन दिया है। बसपा के दो विधायक हैं, तो इस सरकार में उन्हें भी मंत्री बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस हंगामे के बाद जब कांग्रेस को इतना बड़ा झटका लगा है तो विस्तार के समय उन्हें मंत्री बनाना चाहिए।
उथल पुथल के बिच ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुपी:
इस सियासी उथल पुथल (Mutual disputes in Congress) के बिच जहाँ दिग्विजय सिंह खुल कर बोल रहे है तो वही दूसरी ओर ज्योतिरादित्य ने चुपी साधी हुई है, सिंधिया अपने ट्विटर पर एक्टिव है वो दिल्ली हिंसा ओर किसानो को ले कर ट्वीट करते दिखे लेकिन इस सियासी संग्राम के बिच उनके तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है सिंधिया की इस ‘चुप्पी’ के आखिर मायने क्या हैं, उसके सिर्फ कयास ही लगाए जा सकते है
सिंधिया की सड़क पर उतरने की धमकी:
बता दे की कुछ समय पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के गांव में गेस्ट टीचर्स को संबोधित कर रहे थे इसी बिच अचानक कुछ टीचरों ने हंगामा शुरू कर दिया। नाराज शिक्षकों को शांत करने की भाव-भंगिमा के साथ सिंधिया ने कहा, ‘आपकी मांग मैंने चुनाव के पहले भी सुनी थी, मैंने आपकी आवाज उठाई थी। ये विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग जो हमारी सरकार की मेनिफेस्टो में अंकित है, वह मेनिफेस्टो हमारे लिए हमारा ग्रंथ बनता है। सब्र रखिये और अगर उस मेनिफेस्टो का एक-एक अंक न पूरा हुआ तो मैं आपके साथ उतरूंगा, आप लोग अपने आपको अकेले मत समझना आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा।
वही सिंधिया के इस बयान पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सिंधिया के सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने के बयान पर दो टूक कहा कि वह ‘सड़क पर’ उतर सकते हैं। गौरतलब है कि सिंधिया की नाराजगी उस वक्त से चली आ रही है जब उन्हें दरकिनार कर कमलनाथ को राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया गया था।
सूत्रों की माने तो वजूद की इस जंग में सिंधिया (Mutual disputes in Congress) की दो मांगे है एक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी और दूसरा राज्यसभा सीट मध्य प्रदेश में फिलहाल कमलनाथ ही अध्यक्ष की कुर्सी संभाले हुए हैं, दिग्विजय सिंह खुले तौर पर सिंधिया को जिम्मेदारी देने के खिलाफ हैं। कुछ समय पहले दिग्गी ने कहा था कि पोस्ट खाली नहीं है और कमलनाथ अध्यक्ष हैं और वही रहेंगे
कांग्रेस हाई आला कमान की मीटिंग से उठ कर चले गए थे सिंधिया:
कुछ समय पहले जब दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और सिंधिया के बीच चल रही खींचतान को दूर करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन नाराजगी इतनी ज्यादा थी की सिंधिया बैठक को बीच में छोड़कर चले गए थे।
अभिषेक, न्यूज़ नशा