दिल्ली सो रही थी, मुस्तफाबाद जाग रहा था—चीखों से, आँसुओं से और बिखरे सपनों से… दर्दनाक हैं तस्वीरें

दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शनिवार तड़के एक भयावह हादसे ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। दयालपुर थाना क्षेत्र की गली नंबर 1, शक्ति विहार में एक छह मंजिला इमारत अचानक भरभराकर गिर गई, जिसमें अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 20 से ज्यादा लोगों को मलबे से निकाला गया है, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। मौके पर एनडीआरएफ, डॉग स्क्वॉड, फायर ब्रिगेड और दिल्ली पुलिस की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं।
सुबह 3 बजे हादसा, लोग थे गहरी नींद में
यह भयावह हादसा शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात करीब 3 बजे हुआ। जब लोग अपने घरों में चैन की नींद सो रहे थे, उसी वक्त इमारत अचानक जमींदोज हो गई। कई परिवारों को भागने का मौका तक नहीं मिला। आसपास के लोग जब तक कुछ समझ पाते, धूल और चीख-पुकार का भयानक मंजर छा चुका था।
वीडियो आया सामने, गिरती इमारत का दिल दहला देने वाला दृश्य
दिल्ली: मुस्तफाबाद में इमारत गिरने का CCTV आया सामने#Mustafabad | #Delhi pic.twitter.com/BQBSnnX91O
— NewsNasha (@newsnasha) April 19, 2025
घटना का सीसीटीवी वीडियो सामने आया है, जिसमें पूरी इमारत कुछ सेकेंड्स में धराशायी हो जाती है। तेज़ धमाके, धूल का गुबार और चारों ओर मची अफरा-तफरी ने इस हादसे की भयानकता को बयां कर दिया।
अब तक 11 मौतें, कई की हालत गंभीर
रेस्क्यू में जुटी टीमों ने अब तक 20 से अधिक लोगों को बाहर निकाला है, लेकिन डॉक्टरों ने इनमें से 11 लोगों को मृत घोषित कर दिया है। मृतकों में 3 बच्चे व 2 महिलाएं शामिल हैं। वहीं, कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें GTB अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
22 लोग थे इमारत में मौजूद
पुलिस के मुताबिक, जिस समय इमारत गिरी, करीब 22 लोग अंदर मौजूद थे। दमकल विभाग को सूचना मिलते ही 15 से अधिक गाड़ियों के साथ टीम मौके पर पहुंची और ऑपरेशन शुरू किया।
बिल्डर और एमसीडी की लापरवाही: मंत्री कपिल मिश्रा
दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि,
“इस त्रासदी के लिए बिल्डर माफिया और एमसीडी के भ्रष्ट अफसर जिम्मेदार हैं। मुस्तफाबाद, जाफराबाद, सीमापुरी जैसे इलाकों में अवैध निर्माणों की बाढ़ आई हुई है। अब वक्त है सख्त कार्रवाई का।”
विधायक बोले: पहले ही चेताया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई
मुस्तफाबाद के विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने बताया,
“मैंने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था कि कैसे 50-60 गज के प्लॉट पर 6 मंजिला इमारतें बनाई जा रही हैं। मैंने एलजी और एमसीडी कमिश्नर को पत्र भी लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आज का हादसा उसी लापरवाही का नतीजा है।”
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जताया शोक
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा,
“मुस्तफाबाद में इमारत गिरने की घटना बेहद दुखद और हृदय विदारक है। जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। सभी घायलों का इलाज दिल्ली सरकार की तरफ से कराया जाएगा।”
सपनों की मौत, सिर्फ दीवारें नहीं गिरीं
इस हादसे में सिर्फ ईंट-पत्थर की दीवारें नहीं गिरीं, बल्कि कई गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के सपने, उम्मीदें और आने वाला कल भी मलबे में दब गया। एक मां अपने बच्चे को दूध पिलाते हुए सोई थी, किसी की बेटी की अगले हफ्ते शादी थी, कोई रोज की कमाई से परिवार पाल रहा था—आज सब खत्म।
अब ज़रूरी है कार्रवाई, नहीं तो ऐसे हादसे दोहराए जाएंगे
- मुस्तफाबाद, जाफराबाद जैसे क्षेत्रों में अवैध निर्माणों पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
- बिल्डर और एमसीडी की मिलीभगत की जांच हो।
- घायलों को मुआवजा और पीड़ितों को पुनर्वास मिले।
- दिल्ली में एक व्यापक सर्वे किया जाए ताकि कमजोर इमारतों की पहचान हो सके।