बजरंग दल की शिकायत पर गरबा खेल रहे मुस्लिम युवक गिरफ्तार, लोगों ने…
इंदौर. इंदौर (INDORE) के गांधी नगर थाना छेत्र के ऑक्सफोर्ड कॉलेज में गरबा (Garba) और फिर गैर हिंदुओं की एंट्री पर हंगामा हो गया. कॉलेज कैंपस में हुए गरबा महोत्सव में परमिशन से बहुत ज्यादा लोग बुला लिए गए. और फिर बजरंग दल (Bajrang Dal) की नजर वहां गरबा खेल रहे 4 मुस्लिम युवकों पर पड़ गयी. बात उन युवकों की गिरफ्तारी तक पहुंच गयी.ऑक्सफोर्ड कॉलेज कैंपस में नवरात्रि पर गरबा का आयोजन था. उसमें शामिल होने के लिए सिर्फ 800 बच्चों की परमिशन ली गयी थी. SDM पराग जैन ने रात 9 बजे तक ही गरबा की इजाजत दी थी. लेकिन गरबा में बुला लिये गए इससे कई गुना ज्यादा पांच हजार लोग. और तय समय के बाद भी गरबा जारी था.
हर नियम का उल्लंघन
इस गरबा उत्सव के आयोजक अक्षय तिवारी थे. पुलिस के मुताबिक बच्चों के नाम पर 5 हजार से ज्यादा युवा इकट्ठा कर लिए गए थे. थाने तक में इसकी जानकारी नहीं दी गई थी. गरबे में कोविड गाइड लाइंस का भी उल्लंघन किया गया. उसी दौरान बजरंग दल कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गए. उनकी नजर वहां गरबा खेल रहे मुस्लिम युवकों पर पड़ गयी. कार्यकर्ताओं ने इस पर हंगामा कर दिया. हंगामे के बाद गांधी नगर पुलिस ने चार गैर हिंदू युवकों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की. कॉलेज संचालक और आयोजक अक्षय तिवारी पर भी केस दर्ज कर हिरासत में ले लिया गया.
सब कुछ गड़बड़
इस आयोजन में सब गड़बड़ था. बच्चों की परमिशन लेकर युवाओं को बुलाने, तय समय से ज़्यादा देर तक कार्यक्रम, 800 के बजाए 5 हजार लोग, कोरोना गाइड लाइंस का उल्लंघन का आयोजन कराने का केस तो दर्ज हो ही गया. पूछताछ के बाद एक और केस गलत जानकारी देने का दर्ज किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि अक्षांशु के इस कॉलेज के अलावा दो स्कूल और हैं.
बजरंग दल के एक्शन पर एतराज
बजरंग दल के जिला प्रमुख तनु शर्मा ने बताया कि सूचना मिली थी कि बिना परमिशन के गरबा का आयोजन रखा गया है. जब हम वहां पहुंचे तो 800 की परमिशन थी, लेकिन मौके पर 5 हजार युवक-युवतियां जुटे थे. कुछ गैर हिंदू लड़के भी हिंदू लड़कियों के साथ गरबा करते पाए गए. चार लड़कों को तो हमने खुद पकड़कर पुलिस को सौंपा. पुलिस ने इन सभी युवकों के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई एवं शांति भंग की आशंका के कारण धारा 151 के तहत केस दर्ज किया है. कुछ लोग इस कार्रवाई को गलत करार दे रहे हैं. लोगों का मानना है कि यह सभी युवक उसी कॉलेज के छात्र थे. लिहाजा वह सभी आयोजनों में शामिल हुए तो उसमें क्या आपत्ति है. हालांकि हिन्दू संगठनों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने इन सभी के विरुद्ध केस दर्ज कर उन्हें एसडीएम दफ्तर में पेश किया. वहां से उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया गया.