मुरादनगर : जाने कैसे गिरी श्मशान घाट की छत, 11 लोगों का होगा आज अंतिम संस्कार
मुरादनगर : बंबा श्मशान घाट में रविवार के दिन जयराम की अंत्येष्टि में हुई घटना में 25 लोग मारे गए, जिसमें से 11 लोगों का अंतिम संस्कार उसी बंबा श्मशान घाट में आज होगा। उन्हें क्या पता था कि रविवार को जिस श्मशान घाट में वे किसी और के अंतिम संस्कार में शामिल होने आए थें उसी श्मशान घाट में अगले दिन उनका ही अंतिम संस्कार होगा। बंबा श्मशान घाट में आज 11 लोगों की चिताएं एक साथ जलेंगी।
इन धाराओं में मामला दर्ज
बता दें कि गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट की छत ढह जाने से एक बड़ा हादसा हुआ। इस हादसे में अबतक 25 लोगों की मौत हो गई है। हादसे में कई लोग घायल हुए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस मामले में मुरादनगर नगर पालिका EO निहारिका सिंह, जेई चंद्रपाल, सुपरवाइजर आशीष, ठेकेदार अजय त्यागी और अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ धारा 304, 337, 338, 427, 409 के तहत मुरादनगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है।
दरअसल कल दोपहर तक गाजियाबाद में श्मशान घाट के लेंटर गिरने से 23 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 8 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। यह घटना तब हुई जब श्मसान घाट में एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने कुछ लोग पहुंचे थे। तभी तेज बारिश से बचने के लिये लोग छत के नीचे पहुंचे। लेकिन तभी लेंटर भरभराकर गिर गया। वहीं अब तक 38 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है। उधर सीएम योगी ने मामले की रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने राहत के कार्य को तेज करने का भी आदेश दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने गाजियाबाद के इस हादसे पर संवेदना जाहिर की है।
पीएम मोदी ने जताया दुख
इस घटना के लेकर पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, उत्तर प्रदेश के मुरादनगर में हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे की खबर से अत्यंत दुख पहुंचा है। राज्य सरकार राहत और बचाव कार्य में तत्परता से जुटी है। इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं, साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
घटना के खबर मिलते ही तुरंत गाजियाबाद पुलिस और रेस्क्यू ऑपरेशन रवाना हुई। फिर बचाव कार्य में मुश्तैदी से जुट गई है। इस हादसे के बाद उखलारसी गांव के अलावा मुरादनगर का हर व्यक्ति दुखी है। जिन लोगों को इस घटना के बारे में पता चला वह एक दूसरे से दुख बांटता हुआ नजर आया। सबसे बड़ा दुख यह होगा कि बंबा श्मशान घाट एक साथ 11 सामूहिक चिताओं के जलने का गवाह बनेगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि श्मशान घाट में हुए हादसे में मरने वाले लोग आसपास के ही रहने वाले हैं। उनका अंतिम संस्कार बंबा श्मशान घाट में ही होगा। लोगों का कहना है कि किसी ने नहीं सोचा था कि जो लोग अंतिम संस्कार कराने के लिए आए हैं, वह कभी वापस नहीं आएंगे।